शाहीन बाग प्रदर्शनकारी जीत के जश्न में नहीं हुए शामिल, काली पट्टी बांधकर किया मौन प्रदर्शन

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों में आम आदमी पार्टी (AAP) को बहुमत से राजधानी के कई हिस्सों में जश्न का माहौल है, लेकिन नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध कर रहे शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी शांत हैं. वोटिंग डे की तरह काउंटिंग डे पर भी प्रदर्शन स्थल पर शांतिपूर्ण धरना जारी है. शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी आज यानी 11 फरवरी को मुंह पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शनस्थल पर साइलेंट बैठे हैं. प्रदर्शनकारियों के हाथों में जो तख्ती और पोस्टर हैं, उनपर लिखा है- दिल्ली पुलिस की बर्बरता के खिलाफ मौन प्रदर्शन.

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सोमवार को जामिया और तुगलकाबाद में दिल्ली पुलिस के बल प्रयोग के खिलाफ वे आज पूरे दिन मौन प्रदर्शन कर रहे हैं. माइक और स्पीकर यानी स्टेज से किसी भी प्रकार के कार्यक्रम का संचालन नहीं किया जाएगा. प्रदर्शनकारी अत्याचार के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध कर रहे हैं. वे मुंह पर काली पट्टी बांधे हुए हैं. उनका कहना है कि हम शांत हैं लेकिन कमजोर नहीं हैं.

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नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ बीच सड़क पर बैठे शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी यह दावा करते रहे हैं कि उनका प्रदर्शन राजनीतिक नहीं है जो चुनाव के साथ खत्म हो जाए. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि हम संविधान के खिलाफ बने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करते रहेंगे. बता दें कि दिल्ली में मतदान के दिन यानी 8 फरवरी को भी शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों ने पूरे दिन स्पीकर का इस्तेमाल नहीं किया था ताकि वोटिंग में किसी तरह का कोई खलल न पड़े. मतगणना यानी आज के दिन भी शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी मौन प्रदर्शन ही कर रहे हैं.

शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों ने मतदान के बाद कहा था कि हमने धर्म और हिंदू-मुस्लिम के आधार पर नहीं बल्कि विकास के मुद्दे पर वोट दिया है. बता दें कि ओखला विधानसभा क्षेत्र में आने वाले शाहीन बाग में करीब दो महीने से महिलाएं सीएए के खिलाफ 24 घंटे यानी रात-दिन धरने पर बैठी हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी को घेरती भी रही है. हालांकि नतीजे देखकर लगता है कि पार्टी की ये रणनीति कारगर नहीं रही.
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