शहीद विकास गुरुंग का हुआ अंतिम संस्कार, लगे शहादत के नारे

जम्मू कश्मीर के नौशेरा लाम सेक्टर में शहीद हुए गोरखा रेजीमेंट के राइफलमैन विकास गुरुंग की अंतिम यात्रा में भीड़ उमड़ी। पूर्णानंद घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद विकास का अंतिम संस्कार किया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने शहीद को श्रद्धाजंलि दी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ऋषिकेश जाकर शहीद जवान विकास गुरुंग की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने शहीद के परिजनों से भेंट कर शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता दुख की इस घड़ी में शहीद के परिवार के साथ है। राज्य सरकार हर सम्भव सहयोग करेगी।

जिसके बाद गुमानीवाला से गांव से अंतिम यात्रा निकाली गई। इस दौरान विकास अमर रहे के नारे लगाए गए। अंतिम यात्रा श्यामपुर हरिद्वार मार्ग से होते हुए पूर्णानंद घाट मुनि की रेती के लिए रवाना हुई। मार्ग पर पड़ने वाली सभी दुकानें बंद रखी गईं। दोपहर बाद पूर्णानंद घाट पर शहीद विकास का अंतिम संस्कार किया गया।

वहीं शहीद का पार्थिव शरीर रविवार को गुमानीवाला स्थित उनके घर पहुंचा। तिरंगे में लिपटे शहीद विकास के पार्थिव शरीर को देखते ही उनकी मां बीना गुरुंग और बहन पूनम गुरुंग समेत अन्य परिजन फफक-फफक कर रोने लगीं।

दोपहर करीब डेढ़ बजे हवाई जहाज से शहीद विकास गुरुंग का पार्थिव शरीर देहरादून एयरपोर्ट जौलीग्रांट पहुंचा। इसके बाद सैन्य अधिकारी वाहन से शहीद जवान के पार्थिव शरीर को लेकर गुमानीवाला श्यामपुर स्थित घर पहुंचे।

शहीद का पार्थिव शरीर गुमानीवाला पहुंचते ही स्थानीय लोगों ने ‘जब तक सूरज-चांद रहेगा, विकास तेरा नाम रहेगा’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। वहीं, भारतीय सेना के समर्थन में भी नारे लगाए गए। इस दौरान काफी संख्या में जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।

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