शनि पीड़ा से मुक्ति के लिए ये उपाय हो सकते हैं कारगर

भगवान शनि देव न्याय के देवता माने गए हैं। शनिदेव कर्म के अनुसार फल भी देते हैं। कई बार जन्मकुंडली में शनि के प्रभाव का असर जातक के जीवन पर भी पड़ता है। यदि शनि अशुभ युति बनाते हैं तो जातक का जीवन प्रभावित होता है। मगर उनके प्रभाव को दूर करने के लिए अनार की कलम से ऊं ह्वीं को भोजपत्र पर लिखा जा सकता है। इसके लिए नित्य पूजन करने से बड़े पैमाने पर विद्या मिलती है। यही नहीं यदि शनिवार को काले कुत्ते, काली गाय को रोटी और काली चिडि़या को दाने डाले जा सकते हैं।शनि पीड़ा से मुक्ति के लिए ये उपाय हो सकते हैं कारगर

इससे जीवन की रूकावट दूर हो जाती है। यही नहीं शनिवार को शुभ योग और शुभ मुहूर्त देखकर शाम के समय अपनी लंबाई के समान लाल रेशमी सूत नापा जा सकता है। यदि शनि पीड़ा हो रही हो और आपका कोई काम नहीं बन रहा हो तो फिर बरगद के पेड़ का एक पत्ता तोड़ दें। इस पत्ते को साफ पानी से धोलें और फिर इसे पोछ लें।

इस पत्ते पर लाल रेशमी सूत को लपेट दिया जाए और पत्ते को बहते हुए जल में प्रवाहित किया जाए तो इस तरह के प्रयोग से विभिन्न प्रकार की बाधाऐं दूर हो सकती हैं।इस तरह के प्रयत्नों से विभिन्न कामनाओं की पूर्ति हो सकती है। यही नहीं इन उपायों से आपका भाग्य चमक सकता है। शनि पीड़ा से निवृत्ति के लिए ये उपाय बेहद सार्थक सिद्ध हो सकते हैं। 

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