वेतन कटौती को लेकर केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आई बड़ी खबर, सरकार ने…

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यह एक जरूरी खबर है। सरकार ने आज उन तमाम अटकलों व अफवाहों को खारिज करते हुए स्‍पष्‍ट किया है जिसमें कहा जा रहा था कि सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के सैलेरी स्‍ट्रक्‍चर में बदलाव करने जा रही है। ऐसी खबरों को वित्‍त मंत्रालय ने झूठी व बेबुनियाद बताया है। यह साफ तौर पर कहा गया है कि केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में कटौती का किसी प्रकार का कोई प्रस्‍ताव नहीं था और इस विषय में कोई बात नहीं हुई है।

वित्त मंत्रालय ने एक आधिकारिक ट्वीट में कहा,”केंद्र सरकार के कर्मचारियों की किसी भी श्रेणी के मौजूदा वेतन में किसी भी कटौती के लिए सरकार के विचार के तहत कोई प्रस्ताव नहीं है। इस संबंध में सामने आई कुछ मीडिया रिपोर्ट झूठी है और इसका कोई आधार नहीं है।” इस प्रकार की खबर सामने आई थी कि केंद्रीय सरकार ने केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के वेतन में 30% की कटौती की है। #PIBFactCheck ने इसे खारिज करते हुए कहा है कि केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में किसी भी कटौती के लिए सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं है। मंत्री ने पहले ही इनकार कर दिया था।

हाल ही में कुछ रिपोर्टों में कहा गया था कि वर्तमान कोविड -19 संकट को देखते हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में 30 प्रतिशत तक की कटौती हो सकती है। इसने कई सरकारी कर्मचारियों को चिंतित कर दिया था, विशेष रूप से जो पहले से ही मौजूदा समय में वित्तीय संकट से गुजर रहे थे। एक महीने से भी कम समय में दूसरी बार यह ऐसा मौका आया है जब वित्त मंत्रालय वेतन कटौती की रिपोर्ट पर स्पष्टीकरण के साथ सामने आया है।

वित्‍त मंत्रालय ने अप्रैल में कहा था कि बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार के पेंशन में 20% की कटौती की योजना बनाई जा रही है। यह खबर FALSE है। पेंशन संवितरण में कोई कटौती नहीं होगी। यह स्पष्ट किया गया है कि वेतन और पेंशन सरकारी नकद प्रबंधन निर्देशों से प्रभावित नहीं होंगे।

मीडिया के एक हिस्से में पहले भी कुछ इस प्रकार की रिपोर्टें सामने आईं थीं कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु में बदलाव हो सकता है क्योंकि सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु को मौजूदा 60 वर्षों से घटाकर 50 वर्ष करने का प्रस्ताव पारित किया था। तब सरकार ने भी कहा था कि “सेवानिवृत्ति की आयु को कम करने के लिए ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है और न ही (वहाँ) सरकार में किसी भी स्तर पर इस तरह के प्रस्ताव पर चर्चा या विचार किया गया है।”

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