विवाद के 28 दिन में सुलह से कोसों दूर मुख्‍य सचिव मारपीट मामला

नई दिल्ली । पंजाब में चल रहे माफी के घमासान के बीच सोमवार को दिल्ली में जारी रस्साकशी का भी एक महीना पूरा हो गया है, लेकिन दिल्ली सरकार और नौकरशाहों के बीच दूरियां एवं तल्खियां बरकरार हैं, सुलह की दिशा में कहीं कोई कदम आगे नहीं बढ़ रहा है। इस एक माह के दौरान अधिकारियों ने जहां सड़कों पर उतरकर अपना विरोध जताया, वहीं सरकार के मंत्रियों ने जब तब अधिकारियों को कठघरे में रखने की हर संभव कोशिश की है।
विवाद के 28 दिन में सुलह से कोसों दूर मुख्‍य सचिव मारपीट मामला

पूरे प्रकरण पर केजरीवाल ने सिर्फ एक बार चुप्पी तोड़ी, लेकिन अहम नहीं छोड़ा। नतीजा, ढाक के वही तीन पात। हालांकि उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली के मुख्य प्रशासक के रूप में मुख्यमंत्री केजरीवाल को सलाह दी कि वे आगे बढ़कर अभिभावक के तौर पर इस विवाद को हल करें।

बातचीत के जरिये अधिकारियों में सुरक्षा का भाव जगाएं, लेकिन पहले की तरह सरकार ने उपराज्यपाल की नसीहत पर अमल नहीं किया। आलम यह रहा है कि आम आदमी पार्टी इस गतिरोध के लिए उपराज्यपाल को ही साजिशकर्ता बताती रही है। ऐसे में उपराज्यपाल भी अब इस प्रकरण में चुप्पी साध चुके हैं और अधिकारी भी खुलकर विरोध कर रहे हैं। पिछले दिनों मुख्य सचिव ने रविवार के दिन फाइल देखने से साफ मना कर दिया।

कहने को इस समय विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है, लेकिन यहां भी यह तल्खी साफ नजर आ रही है। सत्र के पहले ही दिन उपराज्यपाल अनिल बैजल के अभिभाषण में भी रस्म अदायगी साफ नजर आई। अधिकारी भी सत्र में उपस्थिति भले ही दर्ज करा रहे हैं, लेकिन कहीं कोई उत्साह जैसा भाव नहीं दिख रहा।

Back to top button