विदेशी जेलों में नारकीय जीवन बिता रहें हैं, 6804 भारतीय नागरिक
अंग्रेजी अखबार डीएनए के अनुसार, आरटीआई एक्टिविस्ट और जम्मू-कश्मीर निवासी रमन शर्मा द्वारा पिछले माह सूचना के अधिकार के तहत इस बारे में विदेश मंत्रालय से जानकारी मांगी गई थी, जिसके जवाब में विदेश मंत्रालय ने यह सूचना उपलब्ध कराई है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, सऊदी अरब की जेलों में सबसे ज्यादा भारतीय कैदी हैं जहां इनकी संख्या 1696 है। जबकि इसके बाद यूएई और नेपाल का नबंर आता है जहां क्रमश: 1143 और 859 भारतीय कैदी जेलों में बद है।
विश्व की विभिन्न जेलों में कैदी भारतीय नागरिकों की संख्या इस प्रकार है:
- कुवैत- 434
- मलेशिया- 356
- यूनाइटेड किंगडम- 356
- पाकिस्तान- 230
- अमेरिका – 188
- चीन- 161
- फ्रांस – 48
- जर्मनी- 59
- रूस- 6
- श्रीलंका- 32
- दक्षिण अफ्रीका -13
- बांग्लादेश- 137
- कतर- 129
- सिंगापुर- 115
- ओमान- 113
- बहरीन-107
- जापान – 07
- डेनमार्क- 08
- केन्या – 05
- मिस्त्र- 03
- पुर्तगाल -04
इन सबके अलावा, उजबेकिस्तान, अर्मेनिया, फिजी, जॉर्जिया, हंग्री, माल्टा, नाइजर और सेनेगल के जेलों में भी एक-एक भारतीय नागरिक बंद है।
आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार, विदेशों की जेलों में बंद इन नागिरकों के अपराधों की बात की जाए तो उनमें आप्रवासन / वीजा नियमों का उल्लंघन, अवैध रूप से रहना और अवैध प्रवेश, अवैध यात्रा दस्तावेज, आर्थिक अपराध, रोजगार अनुबंधों का उल्लंघन, बिना वीजा के काम करना जैसे अपराध शामिल हैं। कुछ शहरों में शराब पर प्रतिबंध होने के बावजूद भारतीयों द्वारा शराब का सेवन करने पर उन्हें जेलों में रखा गया है।