वक्त-बेवक्त: रोहिंग्या और अभिजीत अय्यर-मित्र पर सुप्रीम कोर्ट के फैसलों ने कठोर राष्ट्रवाद को शह दी है !

सात रोहिंग्या की वापसी को जिस तरह शासक दल ने एक जीत और बहादुरी का कारनामा बताया है, उससे जाहिर होता है कि भारत में इंसानी ज़िंदगी की कद्र कितनी घट गई है। सुप्रीम कोर्ट ने वह मौका खो दिया जिसमें वह मानवीयता की याद दिला सकता था।

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