वक्त पर आएगा मानसून, अनुमान से ज्यादा हो सकती है बारिश

मप्र समेत देश के कई इलाकों में भीषण गर्मी का दौर जारी हो, किंतु राहत भरी खबर यह है कि इस साल मानसून के अनुमान से अधिक बरसने के संकेत आ रहे हैं। मानसून भी वक्त पर ही आने की संभावना है। मौसम विभाग ने कृषि उत्पादन में भी 15 से 20 फीसदी तक के इजाफे की उम्मीद व्यक्त की है।वक्त पर आएगा मानसून, अनुमान से

जानकारी के मुताबिक लगभग एक माह पूर्व मौसम विभाग ने इस साल मानसून के सामान्य यानी 96 फीसदी तक रहने के आसार जताए थे। मार्च 2017 के दौरान वायुमंडलीय व प्रशांत महासागर की प्रारंभिक स्थितियों के आधार पर यह निष्कर्ष सामने आया था कि इस साल जून से सितंबर के दौरान देशभर में औसत मानसून वर्षा 96 फीसदी तक रहने के आसार हैं। अल नीनो के डर से भी मानसून की बारिश कम ही रहने की आशंका जताई गई थी।

इस दिशा में ताजा जानकारी यह है कि अप्रैल 2017 के दौरान वायुमंडलीय और प्रशांत महासागर की स्थितियों में खासा सुधार देखने को मिला है। मौसम विभाग के वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. डीएस पाई के मुताबिक परिस्थितियों में यह बदलाव सकारात्मक है। उम्मीद जताई जा सकती है कि अब मानसून की वर्षा 100 फीसदी से ज्यादा हो सकती है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस बाबत स्पष्ट तौर पर जून महीने के प्रथम सप्ताह में ही कोई भी घोषणा की जाएगी। देश के विभिन्न राज्यों में बारिश कैसी रहेगी, इसका विस्तृत पूर्वानुमान भी उसी दौरान जारी किया जाएगा।

2016 में सामान्य ही था मानसून

वर्ष 2016 में मानसून की बारिश सामान्य स्तर पर ही हुई थी। कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में तो सूखे जैसे हालात बन गए थे। बॉक्स-2मानसून की कमी और अधिकता का पैमाना 96 से 104 फीसदी के बीच वर्षा की स्थिति को सामान्य, 96 फीसदी से कम वर्षा की स्थिति को सामान्य से कम जबकि 104 से 110 फीसदी तक वर्षा होने पर सामान्य से अधिक की स्थिति कहा जाता है।

कृषि उत्पादन में भी सुधार के आसार

मौसम विज्ञानियों की मानें तो इस वर्ष मानसून की अच्छी बारिश से किसानों को भी राहत मिलने की संभावना लग रही है। कृषि उत्पादन में 15 से 20 फीसदी तक का इजाफा संभावित है।

 

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