लालू यादव के वार्ड में पड़ा छापा, चुनाव आयोग के निर्देश पर हुआ सर्च ऑपरेशन

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के रिम्स (राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) स्थित पेइंग वार्ड में शनिवार को छापा मारा गया है। जेल प्रशासन और जिला पुलिस ने ये छापा मारा है। बता दें लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले के चार मामलों में सजा काट रहे हैं। ये छापा जेल आइजी वीरेंद्र भूषण के आदेश पर मारा गया है।लालू यादव के वार्ड में पड़ा छापा, चुनाव आयोग के निर्देश पर हुआ सर्च ऑपरेशन

जानकारी के मुताबिक लोकसभा चुनाव 2019 से पहले राज्य चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों के अनुसार ही जेल के अधिकारियों ने जिला पुलिस के अधिकारियों के साथ उनके वार्ड में सर्च ऑपरेशन चलाया। हालांकि इस छापे पर लालू के रिम्स पेइंग वार्ड से कोई आपत्तिजनक चीज नहीं मिली है।

वार्ड में छापा मारने वाली टीम में काराधीक्षक अशोक कुमार चौधरी, जेलर चंद्रशेखर प्रसाद सुमन, डीएसपी सदर दीपक पांडेय, बरियातू थानेदार संजीव कुमार, रिम्स में लालू प्रसाद यादव की सुरक्षा में तैनात इंस्पेक्टर नारायण प्रजापति, जिला पुलिस के दस जवान व जेल के सिपाही शामिल थे।

बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले लालू प्रसाद यादव की गतिविधियों पर प्रशासन की पैनी नजर है। ताकि आचार संहिता का उल्लंघन सहित जेल मैनुअल की अवहेलना ना हो पाए। कहा जा रहा है कि लालू से शनिवार को कई लोग मिलने पहुंचे थे। चुनाव प्रभावित ना हो यही देखते हुए ये छापा मारा गया है।

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी चुनाव आयोग से लालू प्रसाद के सोशल मीडिया के मार्फत ‘राजनीतिक रूप से सक्रिय’ रहने का संज्ञान लेने की मांग की थी। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या दोषी करार दिए गए व्यक्ति को अपनी दोषसिद्धि को निष्प्रभावी बनाने के लिए स्मार्टफोन, लैपटॉप और वीडियो कांफ्रेंसिंग जैसी आधुनिक सुविधाओं की छूट दी जानी चाहिए।

मोदी ने कहा कि राजद प्रमुख चारा घोटाला मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिए जाने के बावजूद सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं।

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