लखनऊ में लोगों तक बढ़ने लगी जागरूकता, डोर तक पहुंची दवा, भूखों तक पहुंचा खाना

लॉक डाउन के बाद से राजधानी में धीरे-धीरे लोगों में जागरूकता बढ़ने लगी है। आम जनमानस भी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए तैयार है। बुधवार को सड़कों पर बेवजह टहलने वालों की संख्‍या में कमी देखने को मिली। लोग सुबह और दोपहर के समय घर के जरूरी सामान खरीदने निकले। इस दौरान पुलिस ने भी लोगों को जागरूक किया और सोशल डिस्‍टेंसिंग बनाए रखने की अपील की। कुछ स्‍थानों पर बेवजह टहलते मिले युवकों से पुलिस सख्‍ती से पेश आई और उनके खिलाफ मुकदमे भी दर्ज किए गए।
अमौसी एयरपोर्ट उतरे पांच सौ लोग, हड़कंप
पुलिस आयुक्‍त सुजीत पांडेय ने बताया कि मंगलवार देर रात में अमौसी एयरपोर्ट पर तकरीबन पांच सौ लोग बाहर से आकर फंस गए थे। इनमें किसी को राजधानी में ही अपने आवास पर जाना था तो कई गैर जिलों के थे। भीड़ बढ़ती देख लोगों के बीच दूरी बनाने में कठिनाई आने लगी। इसके बाद 25 पीआरवी वहां बुलाई गई और लोगों को उनके गंतव्‍य तक छोड़ा गया। यही नहीं उन्‍नाव, बहराइच और बरेली समेत आसपास के जिलों में जाने वाले लोगों को भी पुलिस ने गाड़ी मुहैया कराकर छुड़वाया। इनमें महिलाएं, छोटे बच्‍चे, बुजुर्ग और युवा शामिल थे।
डोर तक पहुंची दवा, भूखों तक पहुंचा खाना
उधर, बुधवार सुबह 112 पर एक बुजुर्ग ने फोन कर दवाई की सख्‍त आवश्‍यक्‍ता बताते हुए मदद की मांग की। इसके बाद हजरतगंज कोतवाली की पीआरवी 4540 ने नरही निवासी सुधीर खन्‍ना से संपर्क किया और उनकी दवा खरीदकर पहुंचाई। सुधीर खन्‍ना ने पुलिस के सहयोग की सराहना करते हुए उनका आभार जताया।
वहीं हजरतगंज इलाके में सड़क किनारे बैठे भूखे लोगों को एडीसीपी मध्‍य चिरंजीव नाथ सिन्‍हा, एसीपी हजरतगंज अभय कुमार मिश्र, इंस्‍पेक्‍टर संतोष कुमार सिंह और इंस्‍पेक्‍टर हुसैनगंज अंजनी कुमार पांडेय ने फल और पुड़ी सब्‍जी बांटे। भूखे लोगों को खाना खिलाने के साथ ही उन्‍हें साबून भी बांटे गए ताकि वह अपना हाथ धुलते रहें और कोरोना वायरस से खुद को बचा सकें।

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