लखनऊ में डीएम और कमिश्नर ने मरकजों पर की छापेमारी, सभी पाये गये देशी-विदेशी सदस्यों को किया गया क्वारंटाइन

लखनऊ: दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन तबलीगी जमात में बड़ी संख्या में कोरोना के मरीज मिलने के बाद पूरे देश में खलबली मची हुई है। पुलिस मुख्यालय के लोगों की एक सूची जारी करने के बाद यूपी के मरकजों में यूपी के मरकजों में कनेक्शन खोजे जा रहे हैं। लखनऊ, कानपुर, हापुड़, सहारनपुर और जौनपुर के मरकजों पर मिले लोगों को क्वारंटाइन किया जा रहा है। जिला प्रशासन सभी की जांच कराएगा।
राजधानी लखनऊ में मंगलवार को डीएम और कमिश्नर ने मरकजों पर छापेमारी की। इस दौरान अमीनाबाद स्थित मरकज में ताला लगाया दिया गया है। सभी पाये गये विदेशी और देशी सदस्यों को क्वारंटाइन किया गया। लखनऊ में तबलीगी जमात से जुड़े 24 प्रचारक है। बांग्लादेश, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान के रहने वाले लखनऊ में मिले।
कानपुर के दोनों तबलीगी जमात सेंटर बंद
धर्म प्रचार के लिए शहर में खुले दोनों तबलीगी सेंटर बंद करा दिए गए हैं। एक सेंटर पहले ही बंद कर दिया गया था तथा दूसरा सेंटर निजामुद्दीन की घटना के बाद तीन दिन पहले बंद कर दिया गया। तीन दिन पहले बंद किए गए सेंटर पर महीनों से कोई जमात नहीं आई थी
साथ ही धर्म प्रचार के लिए विदेश और राज्य के अन्य हिस्सों से आने वाली जमातों पर रोक लगा दी गई है। नगर में चमनगंज और मेस्टन रोड पर दो मरकज यानी सेंटर हैं, लेकिन अब यहां एक भी बाहरी वयक्ति नहीं है। एक आलिम ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि करीब एक हफ्ते पहले पहले जाजमऊ में मलेशिया से एक शख्स के आने की खबर थी, जिसकी जानकारी जिलाधिकारी को दी गई थी । बाद में पता चला कि यह शख्स उसी दिन कानपुर छोड़कर चला गया।
पहले ही प्रशासन को अलर्ट किया
शहर काजी मौलाना मतीन उल हक ओसामा कासिमी ने कहा इसके बारे में पहले ही अलर्ट कर दिया गया था और लोगों ने कहना भी माना। सुन्नी उलमा काउंसिल के महामंत्री हाजी मोहम्मद सलीस ने कहा कि सबसे पहले यह मुद्दा उन्होंने जिला अधिकारी की बैठक में उठाया था। इस पर कुछ लोग नाराज भी हुए थे हालांकि बाद में विरोध करने लाले लोगों ने भी एहतियातन जमातों को आने से रोक दिया।

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