लखनऊ: आईएएस अधिकारी मौत मामले में 27 अगस्त को कोर्ट सुनाएगा फैसला
लखनऊ । कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की रहस्यमय परिस्थिति में मौत होने तथा विवेचना के उपरांत सीबीआई द्वारा अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने के विरोध में मृतक के भाई मयंक तिवारी द्वारा दाखिल आपत्ति अर्जी पर सीबीआई के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 27 अगस्त के लिए अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है।
इस हाई प्रोफाइल मामले को बंद करते हुए सीबीआई ने कहा है कि मृतक द्वारा किसी बड़े घोटाले का पर्दाफाश करने या उनके बड़े अफसरों द्वारा मृत्यु का भय होने के आरोपों की मौखिक ,लिखित एवं तकनीकी साक्ष्यों से पुष्टि न होने कारण अंतिम रिपोर्ट लगाई जाती है। सीबीआई ने यह भी कहा है कि वादी द्वारा जो भी आरोप लगाए गए हैं वह न तो पहली विवेचना में साबित हुए और न ही न्यायालय के द्वारा पुनः विवेचना किए जाने पर साबित हुए।
मृतक अनुराग तिवारी के भाई महेंद्र तिवारी ने अपने वकील नूतन ठाकुर के माध्यम से कहा कि सीबीआई ने विवेचना के कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को नजरअंदाज किया है तथा उन्होंने सतही तरीके से विवेचना की है तथा शुरू से ही सीबीआई इस मामले को दुर्घटना बता रही है। इस प्रक्रिया में सीबीआई ने कई सारे तथ्यों एवं साक्ष्यों को छोड़ दिया एवं उन्हें दरकिनार किया।
वादी ने अपनी अपनी अर्जी में विवेचना की सभी कमियों को प्रस्तुत करते हुए अंतिम रिपोर्ट को खारिज करने तथा मामले की पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी से विवेचना कराए जाने का अदालत से अनुरोध किया है। जबकि सीबीआई की ओर से अभियोजन अधिकारी द्वारा कहा गया कि केस के सभी पहलुओं पर विचार करने के उपरांत मौत में किसी प्रकार की संदिग्ध स्थिति नहीं पाई गई और न ही किसी की संलिप्तता पाई गई। अदालत इस मामले में आगामी 27 अगस्त को अपना फैसला सुनाएगी।