रिलायंस की इंडस्ट्रीज बनी देश की सबसे बड़ी कंपनी

देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडिया लिमिटेड (आरआईएल) राजस्व के मामले में सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। रिलायंस ने पिछले वित्त वर्ष में सरकारी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन को पछाड़ दिया है। यह खुलासा दोनों कंपनियों की ओर से बाजार नियामक को दी गई जानकारी से हुआ है। 
वित्त वर्ष 2018-19 में आरआईएल का टर्नओवर 6.23 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि इस दौरान इंडियन ऑयल का टर्नओवर 6.17 लाख करोड़ रहा। मुनाफे के मामले में भी रिलायंस सबसे आगे रही और उसे आईओसी के  मुकाबले दोगुना लाभ हुआ।

करीब एक दशक पहले आईओसी के मुकाबले रिलायंस का आकार आधा ही था, लेकिन मुकेश अंबानी ने अपने उपभोक्ता बाजार में जबरदस्त बढ़ोतरी की और रिटेल, टेलीकॉम, डिजिटल सेवाओं जैसे नए क्षेत्रों में कारोबार विस्तार के बूते यह मुकाम हासिल किया। 2019 में आरआईएल को जहां 39,588 करोड़ का नेट प्रॉफिट हुआ, वहीं इंडियन ऑयल का वास्तविक लाभ 17,274 करोड़ रुपये ही रहा। 

आईओसी के लाभ में गिरावट

पिछले 10 वर्षों से आईओसी सबसे ज्यादा लाभ कमाने वाली सरकारी कंपनी हुआ करती थी, लेकिन 201-19 में ओएनजीसी ने पीछे छोड़ दिया। उसे 22,671 करोड़ का शुद्ध लाभ हुआ है। आईओसी ने 2017-18 में 22,189 करोड़ का लाभ कमाया था, जो बीते वित्त वर्ष 23.6 फीसदी कम हो गया। इसके उलट रिलायंस के लाभ में इस दौरान 13 फीसदी का उछाल आया, जो 2017-18 में 34,988 करोड़ रुपये था। 

39 हजार रुपये ज्यादा रहा राजस्व

ब्लूमबर्ग के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 में आरआईएल का राजस्व 44.8 फीसदी की बढ़त के साथ 5.67 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। वहीं, आईओसी के राजस्व में 28.03 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह 5.28 लाख करोड़ रुपये रहा।

अगर रोजाना का औसत निकालें तो आरआईएल ने प्रतिदिन 1,553 करोड़ रुपये जबकि आईओसी ने लगभग 1,446 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया। पूरे साल में आरआईएल को 38,986 करोड़ का ज्यादा राजस्व मिला।

कंपनी पर सबसे ज्यादा कर्ज भी

बाजार पूंजीकरण के लिहाज से भी आरआईएल सबसे बड़ी कंपनी है और मंगलवार को उसकी कुल पूंजी 8.52 लाख करोड़ रुपये रही। इस दौरान कंपनी के शेयरों का भाव 1,345 रुपये रहा। इतना ही नहीं कंपनी के पास सबसे ज्यादा 1.33 लाख करोड़ का कैश रिजर्व है, जबकि कर्ज के मामले में भी यह अव्वल है। आरआईएल पर अभी 2.87 लाख करोड़ रुपये कर्ज लदा हुआ है।
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