रिया चक्रवर्ती को सुशांत सिंह राजपूत के निधन की ऐसे मिली थी जानकारी, खुद रिया ने बताया…

सुशांत सिंह राजपूत मामले की सीबीआई जांच हो रही है। इस बीच सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती ने एक इंटरव्यू में बताया कि आखिर उन्होंने क्यों सुशांत को देखकर कहा था ‘सॉरी बाबू’। इसके अलावा रिया ने यह भी बताया कि आखिर उन्हें 14 जून 2020 को कैसे सुशांत के निधन की जानकारी हुई थी।

रिया खास बातचीत में कहा, ’14 जून 2020 को करीब 2 बजे। मैं अपने भाई के साथ कमरे में थी। तभी मेरे दोस्त का फोन आता है और उसने कहा कि इस तरह की अफवाह है, अभी इस अफवाह को खारिज करो। सुशांत को बोलो की एक बयान जारी करे। वह (रिया की दोस्त) यह नहीं जानती थी कि मैं अपने घर पर हूं। करीब 10-15 मिनट के बाद सुशांत की मौत की खबर जारी हो गई थी।’

क्या सुशांत के निधन के बाद वह उनके घर गईं? के सवाल पर रिया ने कहा, ‘नहीं, मैं वहां नहीं गई। मैं टूट गई थी। मुझे झटका लगा था और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि ऐसा कैसे हो सकता है। इसके बाद मुझे पता चला कि अंतिम संस्कार में शामिल होने वाली गेस्ट लिस्ट में मेरा नाम नहीं है। सुशांत का परिवार नहीं चाहता था कि मैं वहां आऊं।’

रिया ने आगे कहा, मैं अंतिम संस्कार में जाने के लिए तैयार थी। लेकिन मुझे इंडस्ट्री के दोस्तों ने कहा कि वहां मत जाओ क्योंकि उसका (सुशांत) परिवार नहीं चाहता है। मेरा केवल अपमान किया जाएगा और वहां से चले जाने के लिए कहा जाएगा। तब मेरे एक दोस्त ने कहा कि मेरे लिए आखिरी बार उसका शरीर देखना जरूरी है क्योंकि अगर मैं ऐसा नहीं करती, तो मुझे संतोष नहीं होता और इस तथ्य को स्वीकार करना कठिन होगा कि वह अब नहीं है।’

सुशांत सिंह राजपूत की बॉडी देखने पर उनकी ‘सॉरी बाबू’ कमेंट पर रिया ने कहा, ‘हां, किसी को अपनी जान गंवाने के बाद किसी और को क्या कहना चाहिए? मुझे दुख है कि अपना जीवन खो दिया है। मुझे खेद है कि आपकी मौत को मजाक बनाया गया। मुझे दुख है कि आपकी आखिरी यादें आपके अच्छे काम, बुद्धिमत्ता या आपकी चैरिटी की नहीं हैं। यह भी गलत है। और क्या बोलेंगे?’

जब उससे पूछा गया कि वह कितने समय तक मोर्चरी में रही, तो रिया ने कहा, ‘3-4 सेकेंड। मेरे दोस्तों ने मुझे बाहर इंतजार करने के लिए कहा। मुझे बताया गया कि शव वैन के रास्ते में है। मुझे बॉडी को देखने के लिए  तीन सेकेंड मिले। मैंने कहा कि मुझे दुख है क्योंकि उसने अपनी जान गंवा दी थी और मैंने सम्मान के लिए उसके पैर छुए। कोई भी भारतीय समझ सकता है कि ऐसे समय में किसी के पैर क्यों छुएंगे।’

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