रामसहाय प्रसाद यादव तीसरे बार बने नेपाल के नए उपराष्ट्रपति..

मधेसी नेता रामसहाय प्रसाद यादव ने सोमवार को नेपाल के तीसरे उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। शीतल निवास में एक विशेष समारोह में, राष्ट्रपति कार्यालय, नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने 52 वर्षीय यादव को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। यादव, एक मधेसी नेता, नंद बहादुर पुन का कार्यकाल पूरा होने के बाद उनकी जगह लेंगे। उन्होंने सीपीएन-यूएमएल के उम्मीदवार को भारी मतों से हरा दिया।

मधेस क्षेत्र के पहले उपराष्ट्रपति बने

जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी) के उम्मीदवार यादव ने पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) की अष्ट लक्ष्मी शाक्य को 17 मार्च को हुए मतगणना में आसानी से हरा दिया। वह हिमालयी देश के तीसरे उपराष्ट्रपति और भारत की सीमा से लगे मधेस क्षेत्र के पहले उपराष्ट्रपति बने। यादव ने शपथ ग्रहण समारोह में नेपाली राष्ट्रीय पोशाक पहनकर नेपाली भाषा में शपथ ली।

संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य प्रणाली अपनाने के बाद तीसरा चुनाव

इस अवसर पर प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’, प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष देवराज घिमिरे, पूर्व प्रधानमंत्री, मंत्री और संसद के कई गणमान्य सदस्य मौजूद थे। यादव को पिछले सप्ताह हुए उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान नेपाली कांग्रेस, सीपीएन-माओवादी सेंटर, सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट और अन्य फ्रिंज पार्टियों का समर्थन प्राप्त था। देश में 2008 में संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य प्रणाली को अपनाने के बाद से पिछले सप्ताह का उप-राष्ट्रपति चुनाव तीसरा चुनाव था।

9 मार्च को पौडेल ने ली थी राष्ट्रपति पद की शपथ

पद के लिए यादव के चुनाव ने प्रधानमंत्री ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को और बढ़ावा दिया, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए पौडेल के समर्थन पर दरार के बाद अपनी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। नेपाली कांग्रेस के पौडेल को 9 मार्च को नेपाल के नए राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित किया गया था।

आपको बता दें, राष्ट्रपति की तरह, उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संघीय संसद (प्रतिनिधि सभा और नेशनल असेंबली) और प्रांतीय विधानसभा के सदस्य शामिल होते हैं। उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है।

मधेस आंदोलन में रही सक्रिय भूमिका

उपराष्ट्रपति यादव दक्षिणी नेपाल में बारा जिले के सिमरौंगढ़ नगर पालिका के स्थायी निवासी हैं। वह मधेसी लोगों के अधिकारों और प्रतिनिधित्व के लिए मधेस आंदोलन में सक्रिय रहे हैं। यादव ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1990 में नेपाल सद्भावना पार्टी से की थी। वह मधेसी जन अधिकार फोरम के संस्थापक महासचिव थे और पहले मधेश आंदोलन (2007) में उनकी सक्रिय भूमिका थी। यादव पिछले साल नवंबर में हुए चुनाव में बारा-2 से प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए थे।

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