रामगोपाल यादव ने एक बार फिर हरे कर दिये पुलवामा शहीद परिवारों के जख्म

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की लगभग पूरी आबादी जानती है यादव परिवार मे सब से ज्यादा कोई शिक्षित है तो वो है प्रोफेसर रामगोपाल यादव जी लेकिन उन्होने ने ही आज होली के पर्व पर जनता को बधाई देने के बजाए पुलवामा हमले को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इस हमले को साजिश करार दिया है। आज एक खास दिन है जब राजनीति न कर के देश मे सद्भावना का संदेश देने की जरूरत है।
उन्होंने अपने एक बयान में कहा, “सरकार से अर्धसैनिक बल दुखी हैं। जवान वोट के लिए मार दिए गए। जम्मू-श्रीनगर के बीच में चेकिंग नहीं थी। जवानों को साधारण बस में भेज दिया गया। ये साजिश थी। अभी नहीं कहना चाहता, जब सरकार बदलेगी, इसकी जांच होगी, तब बड़े-बड़े लोग फंसेंगे।”

RG Yadav,SP: Paramilitary forces dukhi hain sarkar se, jawan maar diye gaye vote ke liye,checking nahi thi Jammu-Srinagar ke beech mein, jawano ko simple buses main bhej diya,ye sazish thi, abhi nahi kehna chahta, jab sarkar badlegi, iski jaanch hogi, tab bade-bade log phasenge. pic.twitter.com/nLPnNP5P2f
— ANI UP (@ANINewsUP) March 21, 2019

गौरतलब है कि 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस दौरान कई जवान घायल भी हुए थे। यह हमला उस वक्त हुआ था जब जम्मू से करीब 2500 जवानों का एक काफिला बस में सवार होकर श्रीनगर जा रहा था। इसी दौरान जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर एक आतंकी ने एसयूवी से भरी विस्फोटक से सीआरपीएफ की बस में टक्कर मार दी थी। इस टक्कर के बार जोरदार धमाका हुआ था, जिसमें सीआरपीएफ जवानों की जान चली गई थी।
हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए गए थे। मीडिया रिपोट्स में कहा गया था कि केंद्र सरकार ने इस मामले में लापरवाही बरती थी। खबरों में कहा गया था कि इस हमले से पहले खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट किया था।
खुफिया एजेंसियों ने कहा था कि इस इलाके से गुजरने से पहले पूरी तरह पहले रास्ते को साफ करा लिया जाए, इसके बाद काफिले को ले जाया जाए। एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि सीआरपीएफ ने जवानों को जम्मू से श्रीनगर ले जाने के लिए एयरलिफ्ट की मांग की थी, लेकिन केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ की मांग को नजरअंदाज कर दिया था। हालांकि बाद में केंद्र सरकार ने इस मीडिया रिपोर्ट को खारिज कर दिया था।

Back to top button