pm मोदी ने बुलाई बैठक, रद्द होगा सिंधु जल समझौता………

pmw2rनई दिल्ली। पाकिस्तान के साथ 56 वर्ष पहले किए गए सिंधु जल समझौते को रद करने की संभावना पर भारत ने गंभीरता से विचार करना शुरू कर दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वयं इस मुद्दे पर पूरे हालात को समझने के लिए सोमवार को बैठक बुलाई है। बैठक में जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारी वर्ष 1960 में किए गए इस समझौते के तमाम पहलुओं के बारे में मोदी को बताएंगे।

उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक सिंधु नदी जल बंटवारे समझौते को रद करना बहुत ही अहम फैसला होगा। इस बारे में हम कोई भी कदम जल्दबाजी में नहीं उठा सकते। वैसे भी इस फैसले के कई पहलुओं पर गंभीरता से विचार करना होगा। यह एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है। इन सब मुद्दों के बारे में पीएम को बैठक में जानकारी दी जाएगी।

सिंधु जल समझौता निरस्त करने की बात गुरुवार को तब आई थी जब विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कोई भी समझौता आपसी भरोसे और विश्वास से चलता है। जब विश्वास हीं नहीं तो समझौते का क्या मतलब है। विदेश मंत्रालय के इस बयान को पहली बार भारत की तरफ से पाकिस्तान को इस समझौते को रद करने की धमकी के तौर पर देखा गया था।

उसके बाद उमा भारती ने इस पर बैठक बुलाकर यह जता दिया था कि भारत का रुख इस बार कुछ और है। अब पीएम के स्तर पर बुलाई गई बैठक पूरे हालात की गंभीरता को दर्शाती है। बताते चलें कि यह समझौता लागू होने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच दो बार बड़े युद्ध हो चुके हैं लेकिन भारत ने कभी इसे रद करने की बात नहीं कही।

वैसे कई बार इस तरह की मांग उठती रही है। हाल में भाजपा नेता और पूर्व वित्त व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने एक आलेख लिखकर यह मांग की थी कि भारत को तत्काल प्रभाव से सिंधु जल समझौते को रद करने के कदम उठाने चाहिए। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में इस समझौते का काफी महत्व है क्योंकि उसे इसके जरिये ही झेलम, चेनाब और सिंधु का 80 फीसद पानी मिलता है।

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