ये है लक्षण गर्भाशय में गाँठ के, ऐसे करे इसका इलाज

महिलाओं में गर्भाशय में गांठों की समस्या आजकल बहुत तेजी से फैलती नजर आ रही है। इसे रसौली नाम से भी बहुत से लोग जानते हैं। रसौली की शुरुआत में यह बहुत ही छोटे दाने के रूप में रहती है और धीरे-धीरे इसका आकार बढ़ता जाता है। बहुत बार महिलाएं इस बीमारी के बारे में किसी से बात नहीं करती है और बहुत सी तकलीफों को सहन करती हैं।

लेकिन इन गांठों को नजरअंदाज करना बहुत भारी पड़ सकता है क्योंकि ये आगे चलकर कैंसर का रूप ले सकता है।  रसौली बनने के बहुत से कारण हो सकते हैं। इनमें एस्ट्रोजन हार्मोन का ज्यादा मात्रा में बनना या फिर कोई आनुवांशिक कारण हो सकता है। बहुत बार महिलाओं द्वारा ली जानी वाली गर्भ निरोधक गोलियों के कारण भी गर्भाशय में गांठे बनने लगती हैं।

खानपान में आंवला का सेवन और ग्रीन टी साथ ही साथ हल्दी और  लहसुन के सेवन  करने से इसका इलाज संभव है यह  से होता है जिससे की मोटापा, खानपान का सही न होना, पीरियड्स सही समय पर न होना या फिर 40 के बाद मेनोपॉज की वजह से एस्ट्रोजन का स्त्राव बढ़ जाता है।मासिक धर्म में भारी रक्त स्त्राव, अनियमित मासिक चक्र, पेट के नीचे हिस्से में दर्द, प्राइवेट पार्ट से खून आना, एनीमिया, कमजोरी महसूस होना।

इसके साथ ही अगर प्राइवेट पार्ट से बदबूदार डिस्चार्ज या पेशाब रुक-रुककर आना शामिल है। अगर शरीर में इस तरह के लक्षण दिखें तो फिर रसौली के संकेत हैं। गर्भाशय में गांठ की वजह से अंडाण और शुक्राणु का निषेचन नहीं होने के कारण बांझपन की समस्या हो जाती है। आनुवांशिक रूप से होने वाला मोटापा भी इसका एक कारण है। अपने खानपान को सही रखकर, पानी पीने और एक्सरसाइज को दिनचर्या में शामिल करके महिलाएं इस समस्या से बच सकती हैं। साथ ही योग का भी बहुत फायदा होता है।

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