यूपी सरकार का दावा, आंकड़े अलग-अलग दिनों के, ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई एक भी मौत
ये भी पढ़े: अभी अभी: झूठ बोल रहे विपक्षी दल, सीएम योगी ने खुद बताई बच्चों के मौत की असली वजह
मुख्यमंत्री शनिवार शाम विभागीय मंत्रियों, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री और अधिकारियों के साथ आपात बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि वह नौ अगस्त को बीआरडी मेडिकल कॉलेज गए थे। वहां जेई, डेंगू, स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों के त्वरित इलाज के बारे में अधिकारियों व डॉक्टरों को निर्देश दिए थे। उस समय ऑक्सीजन की कमी का कोई मामला सामने नहीं आया था। योगी ने दावा किया कि इंसेफेलाइटिस के खिलाफ लड़ाई की शुरुआत उन्होंने ही की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया में चल रही खबरों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी काफी चिंतित हैं। प्रधानमंत्री ने उनसे फोन पर बात की है और आश्वस्त किया है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जो भी जरूरत होगी, उसमें केंद्र सरकार हरसंभव मदद करेगी। केंद्र व प्रदेश सरकार के अधिकारी गोरखपुर पहुंचे हैं।
सीएम ने बताया कि सात अगस्त को 9, आठ अगस्त को 12, नौ अगस्त को 9, दस अगस्त को 23 और 11 अगस्त को 11 बच्चों की मौत हुई। मौत के आंकड़े अलग-अलग दिनों के हैं और कारण भी अलग-अलग हैं।
प्रिंसिपल ने चार अगस्त को डीजी मेडिकल एजूकेशन को पत्र भेजा। डीजी मेडिकल एजूकेशन ने पांच अगस्त को 68 लाख 65 हजार 596 रुपये के सापेक्ष दो करोड़ रुपये जारी किए। सरकार ने मई में वैक्सीनेशन के लिए विशेष अभियान में जेई के टीके दिए थे। इससे मौत के आंकड़ों में कमी आई है।
दोषी पर होगी कड़ी कार्रवाई : अनुप्रिया
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा, प्रधानमंत्री बच्चों की मौत से दुखी हैं। उन्होंने ही मुझे गोरखपुर जाने के निर्देश दिए हैं। बीआरडी कॉलेज में बच्चों की मौत की खबर आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रदेश सरकार के अधिकारियों से संपर्क साधा।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को गोरखपुर भेजा गया। स्वास्थ्य मंत्रालय प्रदेश सरकार को हर जरूरी सहयोग देने के लिए तैयार है। प्रदेश सरकार अपनी रिपोर्ट केंद्र को भेज रही है। वह प्रधानमंत्री से मिलकर उन्हें सारी जानकारी देंगी।
क्या सप्लायर ने किसी के हाथ में पत्र दिया? सप्लायर के पास कोई सुबूत है? लखनऊ से पैसे भेजे जाने के बाद भी प्रधानाचार्य राजीव मिश्रा ने सप्लायर को पेमेंट नहीं किया, इसके लिए उन्हें निलंबित कर दिया गया।
ऐसे संवेदनशील मामले में किसी को खिलवाड़ की छूट नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा, मैं 1998 से इंसेफेलाइटिस से लड़ रहा हूं। मामले की जांच कराई जा रही है। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऐसे संवेदनशील मामलों में खिलवाड़ करने की छूट किसी को नहीं दी जाएगी।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल द्वारा त्यागपत्र दिए जाने के बारे में जब मुख्यमंत्री से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि प्रिंसिपल को पहले ही निलंबित किया जा चुका था। मुख्यमंत्री ने पूछा -क्या आप प्रिंसिपल के पैरोकार हो? उन्होंने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज के लिए पैसों की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। शासन ने दवा के मद में डीजी स्वास्थ्य को बीआरडी मेडिकल कॉलेज के लिए 3.86 करोड़ रुपये दिए।