यूपी में अखिलेश, हिंदुस्तान में मोदी जैसा लीडर नहीं: हाशिम अंसारी

TO GO WITH India-religion-unrest,FOCUS by Sharat Pradhan In this photograph taken on September 4, 2010, Indian Muslim Hashim Ansari (R) stands outside his residence with a police officer in Ayodhya. One of the most divisive events in India's modern history returns to centre stage this month, with a high court ruling on a religious dispute that redrew the country's political landscape. The 1992 destruction by Hindu activists of the Babri mosque in the northern town of Ayodhya triggered the worst sectarian violence since partition and helped propel India's main Hindu nationalist party from the political fringes into government. AFP PHOTO/STR (Photo credit should read STRDEL/AFP/Getty Images)

नई दिल्ली। उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ में धर्म संसद में साधु-संतों ने राम मंदिर का  ऐलान कर सियासत को फिर गर्मा दिया है। धर्म संसद ने ऐलान किया है कि अयोध्या में 9 नवंबर से जन्मभूमि परिसर के चारों ओर सिंहद्वार का निर्माण किया जाएगा। इसे लेकर अब बयानबाजियों का दौर गर्म है।

विवादित बाबरी मस्जिद के वयोवृद्ध मुद्दई मो. हाशिम अंसारी ने इसे बेवजह का विवाद करार देते हुए इसकी कड़ी आलोचना की है। अंसारी ने कहा कि देश के कानून का मजाक मत बनाओ, इस किस्म का इरादा करने वाले देश को तबाह कर रहे हैं। देश की आजादी से पहले ये मसला होता तो मुल्क आज़ाद नहीं होता और ये मुल्क फिर से गुलामी की ओर बढ़ रहा है। चुनाव आ रहा है तो ये परिंदे अपना अपना राग अलाप रहे हैं। उत्तर प्रदेश में अखिलेश जैसा लीडर और हिन्दुस्तान में मोदी जैसा लीडर अब नहीं मिलेगा।

वहीं आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश इतना सख्त है कि जब तक फैसला नहीं आता तब तक कोई वहां कोई ईंट भी नहीं रख सकता। मंदिर बनेगा सब बोलते रहते हैं लेकिन कैसे बनेगा कोई ये नहीं बताता।

मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के एस इलियास ने कहा कि अयोध्या में जो 66 एकड़ की जमीन है उस पर कोई निर्माण नहीं हो सकता। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है। अब ये केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों की जिम्मेदारी है कि वहां पर कोई निर्माण नहीं होने दें।

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