यूएन में शरीफ ने कहा भारत संग शांति चाहते हैं पर शर्तों के साथ

पाnawaz-560c428e7dea1_exlstकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर कश्मीर का राग अलापा है। पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बुधवार देर रात को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए कहा कि 1947 से यह मुद्दा अनसुलझा ही रह गया है।

शरीफ ने कश्मीर मसले के शांतिपूर्ण हल के लिए चार सूत्री प्रस्ताव भी पेश किया, जिसमें कश्मीर और सियाचिन से बिना शर्त सेनाओं को हटाने की बात शामिल है। पाक पीएम ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में सेना हटाए जाने की वकालत करते हुए कहा कि कश्मीर मसले का शांतिपूर्ण हल निकलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सीमा पर सीजफायर एक बड़ा मसला है। कोशिश यह है कि इसका उल्लंघन न हो। यूएन में पाकिस्तान ने यह दर्शाने की कोशिश की कि वह भारत के साथ शांति की पहल करना चाहता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए पाक पीएम ने चार सूत्री यह प्रस्ताव दिया कि दोनों देशों को ‘किसी भी स्थिति में सैन्य कार्रवाई का इस्तेमाल करने या धमकी देने से बचना चाहिए।’

उन्होंने कहा कि सीमा पर 2003 के संघर्षविराम को बनाए रखने की कोशिश होनी चाहिए। ताकि दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच शांतिपूर्ण रिश्तों को सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा, ‘टकराव नहीं, बल्कि सहयोग से हमारे रिश्तों की पहचान होनी चाहिए।’

शरीफ ने भारत-पाक के बीच शांति और सुरक्षा के मसले पर जोर देते हुए कहा कि इस मसले पर प्राथमिकता के साथ और तत्काल रूप में विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता भारत-पाक के रिश्तों को सामान्य करने की रही है। दोनों देशों को आपसी तनाव कम करने की कोशिश करनी चाहिए।

 
 
शरीफ ने जोर देकर कहा कि कश्मीर मसले के शांतिपूर्ण हल के लिए ‘कश्मीरियों की सलाह’ लेनी जरूरी है, जो इस विवाद का अहम हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीरियों की तीन पीढ़ियों को सिर्फ टूटे हुए वादे और दमन ही मिले हैं।

अब तक एक लाख से ज्यादा लोग आत्मनिर्धारण के संघर्ष में जान गंवा चुके हैं। यह संयुक्त राष्ट्र की सबसे बड़ी विफलता है। आतंकवाद पर दोहरा मानदंड अपनाने के लिए दुनिया भर में आलोचना झेल रहे पाक के पीएम शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद के दंश का शिकार है। उ

नकी सरकार ने आतंकियों के सफाए के लिए बडे़ पैमाने पर सेना के जर्ब-ए-अज्ब अभियान चलाया है।

 

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