युवकों से ज्‍यादा युवतियां खुद को पहुंचाती हैं नुकसान

depression_girनई दिल्‍ली। भारत में महिलाओं की सुरक्षा व आजादी को लेकर समय-समय पर आवाजे उठती रही हैं। लेकिन इन सब के बावूजद वर्तमान समय में महिलाएं आजादी के मामले में पुरुषों से कहीं अधिक पीछे हैं।

देश में लड़कियों को सामाजिक पाबंदी, लिंग भेदभाव जैसे भेदभावों से गुजरना पडता है। यही वजह है कि लड़कियां खुद को नुकसान पहुंचाती हैं। हाल ही में हुए एक अध्‍ययन के अनुसार, भेदभावों के कारण लड़कियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी वजह से वे खुद को चोट पहुंचाने की ओर कदम बढ़ाने लगती हैं।

यह अध्‍ययन मेडिकल जर्नल लेंसेट अर्लियर ने किया है। इसमें यह जानने का प्रयास किया गया है कि किशोरावस्‍था में बच्‍चों को किन-किन मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ता है।

अध्‍ययन को लेकर एक एक्‍सपर्ट ने बताया कि किशोरावस्‍था में युवतियों की इच्‍छाएं व उम्‍मीदें बहुत होती हैं। वे कम ही वक्‍त में ज्‍यादा से ज्‍यादा शोहरत पाना चाहती हैं और ऐसे में जब उनकी इच्‍छाएं पूरी नहीं होती हैं तो कई बार कुछ गलत कदम उठा लेती हैं।

कई बार ये कदम उन्‍हें आत्‍महत्‍या तक भी ले जाता है। कुछ ही समय पहले हुए इस अध्‍ययन में 15-20 उम्र की युवतियों को शामिल किया गया है।

Back to top button