यहां भाजपा की आक्रामक राजनीति से एक-एक कर ढह रहे किले

एक साल में ही ब्रज की सियासत काफी बदल गई। प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद सपा के किले एक एक कर ढह रहे हैं। पहले निकाय चुनाव में मात मिली। फिर ब्लाक और जिला पंचायत भी हाथ से निकल रहे हैं।

यहां भाजपा की आक्रामक राजनीति से एक-एक कर ढह रहे किलेभाजपा की इस अक्रामक राजनीति का सपा ठीक से जबाव भी नहीं दे पा रही। आगरा में तो पहला झटका विधान सभा चुनाव में ही लग गया था। 2012 में एक सीट जीती थी बाह की, 2017 में वह भी भाजपा के पास चली गई।

इसके बाद मेयर चुनाव में सपा उम्मीदवार राहुल चतुर्वेदी की जमानत जब्त हुई। एक बड़ा किला बचा था जिला पंचायत का। इसकी कमान सपा की कुशल यादव के हाथ थी। भाजपा के रणनीतिकारों ने पहले अविश्वास प्रस्ताव लाकर उन्हें हटाया।

अब भाजपा का परचम लहरा दिया। ब्लॉक को भी भगवा रंग में रंगा जा रहा है। एत्मादपुर में सपा को हटाकर भाजपा का ब्लाक प्रमुख बैठ चुका है। फिरोजाबाद की भी यही कहानी है।

यहां तो सांसद अक्षय यादव सपा के ही हैं। इसके बावजूद जिला पंचायत की कमान सपा के हाथ से निकलकर भाजपा के पास चली गई है।

मैनपुरी जो सबसे मजबूत गढ़ हुआ करता था सपा का, वह भी कमजोर पड़ रहा है। यहां भी दो ब्लाक घिरौर और जगीर सपा से भाजपा के पास चले गए। दोनों जगह बागियों ने सपा का खेल बिगाड़ा।

मथुरा में तो सपा पहले से ही बहुत कमजोर है। एटा में दो ब्लाक प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आ चुका है। यहां भी भाजपा अपना खेल बनाने में लगी है।

फिरोजाबाद कभी सपा का गढ़ हुआ करता था। यहां सिर्फ एक ही विधायक है सपा का हरिओम यादव। वह जेल में बंद है। जेल में ही बागी हो गया है। उसने बगावत कर दी है। खुद राम गोपाल यादव ने मंच से कहा है कि उसने भाजपा से डील कर ली।

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