मोदी सरकार ने किए ये 6 बड़े ऐलान, मंदी के खिलाफ लिया बड़ा एक्शन

देश में मंदी की आहट से लोग घबराए हुए थे. लेकिन सरकार इससे उबरने के प्लान बनाने में जुटी थी, और अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इकोनॉमी में जान डालने के लिए कई बड़ी घोषणाएं की हैं. मोदी सरकार ने इस ऐलान के जरिये एक आम आदमी से लेकर उद्योपति तक को राहत देने की कोशिश की है. उम्मीद की जा रही है कि इस राहत पैकेज से इकोनॉमी में तेजी आएगी.

1. बैंकों के लिए राहत पैकेज
दरअसल वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की थी कि अर्थव्यवस्था की खस्ता हालात को सुधारने के लिए केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी डालेगी, जिससे वे 5 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज मुहैया करा पाएंगे. इससे कॉर्पोरेट्स, खुदरा कर्जदारों और छोटे व्यापारियों समेत अन्य को फायदा होगा. इस कदम से क्रेडिट की वृद्धि दर को बढ़ावा मिलेगा, जो करीब 12 फीसदी तक होगी.

5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी पर फोकस
बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये पुर्नपूंजीकरण की घोषणा इस साल जुलाई में पेश किए गए पूर्ण बजट में की गई थी. यह कदम क्रेडिट ग्रोथ (कर्ज उठाव) को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है, ताकि भारत को वित्तवर्ष 2024-15 तक 5 ट्रिलियन वाली अर्थव्यवस्था बनाया जा सके. बैंकरों का कहना है कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कर्ज देने की दर को सालाना 18-20 फीसदी की दर से बढ़ाना होगा.

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एक अन्य नीतिगत उपाय में, सीतारमण ने कहा कि बैंक अब सभी कर्जदाताओं को लाभान्वित करने के लिए एमसीएलआर कटौती के हिसाब से कर्ज की दर में कटौती करेंगे. इन दोनों कदमों से होम लोन, वाहन और अन्य खुदरा कर्ज की ईएमआई कम हो जाएगी, क्योंकि अब इन्हें सीधे रेपो दर से जोड़ दिया जाएगा. 

2. उद्योग पर फोकस
इसके साथ निर्मला सीतारमण ने कहा कि उद्योग के लिए कार्यशील पूंजी कर्ज भी सस्ता होगा. सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को कर्ज चुकाने के 15 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से कर्ज से जुड़े दस्तावेज लौटाने का निर्देश दिया है. इससे उधारकर्ताओं को लाभ होगा, जिनके संपत्ति गिरवी रखी होती है, क्योंकि इससे उन्हें आगे भी कर्ज जुटाने में मदद मिलेगी.

बाजार में तरलता प्रदान करने और लोगों के खर्च करने के लिए अधिक पैसा देने के अन्य उपायों के अलावा, सरकार ने एनबीएफसी और एमएसएमई को अधिक क्रेडिट सहायता (कर्ज) देने का फैसला किया है.

3. सरचार्ज वापस लेने का ऐलान
केंद्र सरकार ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेश को बड़ी मात्रा में बाहर जाने से रोकने के लिए शुक्रवार को इस पर लगाया गया सरचार्ज वापस ले लिया. इस कदम के परिणामस्वरूप FPI के लिए कर चार-सात प्रतिशत तक घट जाएगा. इस कदम से घरेलू निवेशक भी खुश हैं, क्योंकि यह उनके ऊपर भी लागू होगा.

सरकार ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है, जब कई सप्ताहों से एफपीआई सिर्फ बिकवाली कर रहे थे, क्योंकि केंद्रीय बजट में सरचार्ज लगा दिया गया था. एफपीआई ने बजट घोषणा के बाद से लगभग 8,500 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं.

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पहले बजट में सुपर-रिच लोगों पर या जिनकी वार्षिक कर योग्य आय दो करोड़ रुपये से अधिक है, उनपर सरचार्ज बढ़ा दिया था, जिन लोगों की कर योग्य आय दो करोड़ रुपये और पांच करोड़ के बीच है उन पर सरचार्ज 25 प्रतिशत और जिनकी आय पांच करोड़ रुपये से अधिक है, उन पर सरचार्ज 39 प्रतिशत कर दिया गया था. 

4. हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को राहत 
हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों और रियल एस्टेट क्षेत्र को बड़ी राहत प्रदान करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) एचएफसीज को 20,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त प्रदान करेंगे, जिससे कुल तरलता सहायता 30,000 करोड़ रुपये की हो जाएगी.

5. MSME को 30 दिन में मिलेगा GST रिफंड
उन्होंने यह भी कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसीज) और एचएफसीज को एक लाख करोड़ रुपये तक की संपत्ति खरीदने के लिए बजट में घोषित आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना की निगरानी प्रत्येक बैंक में उच्चतम स्तर पर की जाएगी. MSMEs को 30 दिन में मौजूदा GST रिफंड मिलेगा. इसके अलावा, उन्होंने एक और कदम की घोषणा की, जिससे होम लोन की दरें कम होंगी. उन्होंने कहा कि बैंक अब रेपो रेट से जुड़े लोन उत्पाद पेश करेंगे.

6. ऑटो सेक्टर के लिए कई बड़े ऐलान 
ऑटो सेक्टर को राहत देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कई बड़े ऐलान किए. कंपनियों, डीलरों और ग्राहकों सभी के लिए उन्होंने खुशखबरी दे दी है. मार्च 2020 तक खरीदी गई BS-IV गाड़ियां बंद नहीं होंगी. मार्च 2020 तक सभी गाड़ियों पर 30 प्रतिशत डेप्रिसिएशन होगा. जून 2020 तक गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन फीस में इजाफा नहीं किया जाएगा. इसके अलावा जल्द ही नई स्क्रैपेज पॉलिसी लाई जाएगी. 

आर्थिक मोर्चे पर, देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में घटकर 5.8 फीसदी हो गई, जोकि पहली तिमाही के दौरान 6.6 फीसदी दी. सरकार ने शुक्रवार (23 अगस्त) को यह आंकड़े जारी किए. 

वहीं प्रधानमंत्री ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की देश में छाई आर्थिक मंदी से लड़ने के लिए कदम उठाने पर प्रशंसा की है और कहा है कि इससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा, मांग बढ़ेगी और कर्ज किफायती होगा. 

 

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