मोदी सरकार के इस बड़े फैसले से बर्बाद हुआ आतंकी संगठन…

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से 500 और 1000 हजार के पुराने नोटों पर लगाए गए बैन से कश्मीर में भी हालात सुधर सकते हैं। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने बताया है कि सरकार के इस कदम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को बड़ा तगड़ा झटका लगा है।

यह भी पढ़े:-यहाँ कालेधन को ऐसे कर रहें सफ़ेद, मिल गया नायाब तरीका

img_modi

आंतक फैलाने के लिए नकली करेंसी का इस्तेमाल करती है ISI

आईएसआई कश्मीर में अराजतकता और आंतकवाद फैलाने के लिए बड़ी मात्रा में हवाला और नकली करेंसी का इस्तेमाल करती थी। लेकिन अब उसपर एक बड़ी लगाम लग गई है। यानि कश्मीर में हालत सामान्य बनाने की दिशा में ये एक सार्थक कदम साबित हो सकता है।
बुरहान की मौत के बाद पनपे हालात के लिए ISI जिम्मेदार
आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद से ही कश्मीर घाटी उबाल पर थी. लोग सड़कों पर सुरक्षाबलों के खिलाफ पत्थरबाज़ी कर रहे थे। अराजक लोगों की भीड़ में ही आंतकी जवानों पर गोलियां और ग्रेनेड फेंक रहे थे और इस सबके पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ था।
आतंकियों को हवाला के जरिए करेंसी पहुंचा रही थी ISI
हवाला के जरिए आईएसएस कश्मीर में सक्रिय आतंकियों और अलगाववादियों तक पैसा पहुंचा रही थी। पाकिस्तान में आईएसआई की टकसाल में भारतीय करेंसी के नकली नोट छपते थे। इन नकली नोटों को कश्मीर में अराजकता फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन अब नोटों पर बैन से आईएसआई को आंतक को फंडिग करने में खासी मुश्किल आने वाली है।
आतंक को बढ़ावा देने में इस्तेमाल की जाती है नकली करेंसी
खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि हवाला हो या फिर नकली करेंसी का कारोबार, ये सब बड़े नोटों यानि 500 और 1000 के नोटों में किया जाता रहा है। पाकिस्तान में आईएसआई की टकसालों में भारत के 500 और 1000 के नकली नोट छापे जाते रहे हैं। ये नकली करेंसी, कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावे देने में इस्तेमाल की जाती रही है।
आतंकियों के पास से मिली फेक इंडियन करेंसी- सूत्र
सूत्रों की मानें तो एलओसी पर हुई घुसपैठ के दौरान कई बार सुरक्षाबलों को मारे गए आंतकियों के कब्जे से बड़ी मात्रा में एफआईसीएन यानि फेक इंडियन करेंसी नोट्स बरामद हुए हैं। पहली नजर में देखने में ये नोट हू-ब-हू भारतीय करेंसी की तरह ही लगते हैं. लेकिन जब गौर से देखा गया तो ये नकली निकले।
जांच में पाया गया कि आतंकियों को ये नोट पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने मुहैया कराएं हैं. खुफिया एजेंसियों को भी इस बात की पुख्ता जानकारी कि आईएसआई खुद ही भारत की नकली करेंसी तैयार करती है।
देश में हर 10 लाख नोटों में 250 नोट नकली-रिपोर्ट
एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में हर दस लाख नोटों में 250 नोट नकली हैं. माना जाता है कि हर साल 70 करोड़ रूपये की नकली करेंसी को आईएसआई भारत की अर्थव्यवस्था में खपा देती है। ये नोट एलओसी पर घुसपैठ के जरिए या फिर नेपाल और बांग्लादेश के रास्ते भारत पहुंचाए जाते हैं। इनमें से बड़ी तादाद में कश्मीर भेजे जाते हैं।
अलगाववादियों को भी फंडिग करती है ISI
सूत्रों के मुताबिक, कश्मीर घाटी में आईएसआई अलगाववादियों को हवाला के जरिए फंडिग करती है। ये फंडिंग भी बड़े करेंसी नोटों यानि 500 और 1000 के जरिए ही होती थी. लेकिन अब जब ये नोट बंद हो गए हैं तो ऐसे में अलगाववादियों को कश्मीर घाटी में अराजकता और बंद बुलाए जाने के लिए मिलने वाला पैसा भी बंद हो जायेगी।
यानि केंद्र सरकार के बड़े नोटों पर बैन लगाने से अलगाववादियों की फंडिग पर भी लगाम लग जायेगी। खुद देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी, एनआईए कश्मीर में अलगाववादियों की फंडिग की जांच पहले से ही करने में जुटी थी।
पर्रिकर ने भी माना, टूटेगी आतंकवाद की कमर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऐलान के तुरंत बाद ही रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इसे ‘मास्टर-स्ट्रोक’ करार देते हुए कहा था कि इस ऐतिहासिक कदम से नकली करेंसी, ब्लैकमनी और टेरर फंडिंग (यानि आंतकियों को मिलने वाली वित्तीय सहायता) खत्म हो जाएगी।
नोट बैन से खत्म होगी आतंकियों की ताकत-राजनाथ
खुद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बड़े करेंसी नोट बंद होने पर कहा है कि आतंकियों को ताकत जाली नोटों से मिलती है. हमारे प्रधानमंत्री ने 500 और 1000 के मौजूदा नोट खत्म करके आतंकियों की ताकत को खत्म किया है।
Back to top button