मोदी की वापसी की उम्मीद में रुपया ने तोड़ा रिकॉर्ड, आगे और मजबूती की उम्मीद

एशियाई अर्थव्यवस्था में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली करेंसी रुपया, पांच हफ्तों में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली करेंसी बन गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए के दोबारा सत्ता में वापसी आने के मजबूत संकेतों ने डॉलर के मुकाबले रुपये को मजबूती दी है।
वहीं भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में हुई कमी का भी असर रुपये पर देखने को मिला है। इसके अलावा चीनी अर्थव्यवस्था में मंदी की तेज होती आशंका के बीच प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा तथा अमेरिका-चीन के बीच व्यापार समझौते की उम्मीद को लेकर भी उभरते बाजारों को लेकर एफआईआई की धारणा मजबूत हुई है।
इन सब वजहों से रुपया पिछले एक महीने में सबसे शानदार प्रदर्शन करने वाली करेंसी बनने में सफल रहा है।
न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग ने सिंगापुर के स्कॉटीबैंक में करेंसी विशेषज्ञ गो की के हवाले से लिखा है, ‘अगर मोदी दुबारा सत्ता में आते हैं, तो रुपये में और मजबूती आएगी।’ उनका मानना है कि जून अंत तक रुपया 67 तक मजबूत हो सकता है।
फरवरी महीने में भारतीय शेयर बाजार में 2.42 अरब डॉलर का विदेशी पूंजी आया, जो पिछले 15 महीनों में सबसे अधिक है। वहीं, 18 मार्च तक विदेशी निवेशकों ने 3.3 अरब डॉलर के शेयरों की खरीदारी है। 2018 में भारतीय बाजार से विदेशी निवेशकों ने कुल 4.4 अरब डॉलर की निकासी की थी, जिसके बाद हुए इस बड़े निवेश से बाजार को ताकत मिली है।
एजेंसी के कोटक सिक्योरिटीज के विश्लेषक अनिंद्य बनर्जी के हवाले से लिखा है, ‘बाजार मोदी की जीत पर भरोसा करते हुए आगे बढ़ रहा है, क्योंकि इसके अलावा कोई दूसरा कारण नजर नहीं आता है।’
2018 के नुकसान की भरपाई करते हुए रुपया 7 महीनों की ऊंचाई को छूने में सफल रहा है। 

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