‘मैं भी चौकीदार’ का सच

– आशाश्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब ‘चौकीदार’ बन गए हैं। हाल ही में उन्होंने अपना ट्विटर अकाउंट का नाम बदलकर चौकीदार नरेंद्र मोदी कर लिया। दरअसल,  यह आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के प्रचार अभियान का एक हिस्सा है। इस अभियान का नाम है ‘मैं भी चौकीदार’। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी भाजपा ने ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान ऐसे समय में शुरू किया है, जब सुप्रीम कोर्ट यह जांच रहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को अलग रखते हुए क्या राफेल सौदे के मामले से जुड़े नए तथ्यों पर ध्यान दिया जा सकता है कि नहीं। इसके अलावा कथित भ्रष्टाचार के कई गंभीर मामले जैसे- रघुराम राजन द्वारा दी गई बड़े डिफॉल्टर्स की सूची, 2जी मामले की अपील अब तक चौकीदार का ध्यान खींचने में नाकाम रहे हैं।
दरअसल, रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के शुरुआती 8 महीनों के अंदर ही उनके कार्यालय को हाई-प्रोफाइल लोन डिफॉल्टर्स की सूची भेजी थी। राजन इन पर विभिन्न एजेंसियों द्वारा जांच करवाते हुए कार्रवाई चाहते थे, जिससे कि ये ऐसे बाकियों के लिए सबक के बतौर काम कर सके। आप सोचेंगे कि तब तो चौकीदार ने फौरन भ्रष्टाचारियों को जवाबदेह ठहराने के लिए जांच के आदेश दे दिए होंगे, लेकिन आप गलत हैं। कार्यकर्ता सौरव दास ने एक आरटीआई आवेदन भेजकर जवाब मांगा था कि क्या प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा यह सूची सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) को भेजी गई और इसकी जांच शुरू हुई। इसके जवाब में बताया गया कि पीएमओ द्वारा किसी कार्रवाई का कोई आदेश नहीं दिया गया है और न ही इस सूची को साझा किया गया है। यहां तक कि वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली प्राक्कलन समिति (एस्टीमेट कमेटी) द्वारा 6 लिखित रिमाइंडर भेजे जाने के बावजूद पीएमओ द्वारा संसद में राजन वाली सूची और उन कथित घोटालेबाजों पर की गई कार्रवाई के बारे में बताने से मना कर दिया। इससे भी खराब यह है कि मुरली मनोहर जोशी के रिपोर्ट फाइनल करने के समय जब राजन ने उन्हें इन नामों की सूची दी, तब इस समिति में शामिल भाजपा सांसदों ने हालिया बैठकों में आने से मना कर दिया। इससे यह सुनिश्चित हुआ कि इस रिपोर्ट पर कोई फैसला लेने की स्थिति में पर्याप्त सदस्य न हों। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वरिष्ठ सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि पीएमओ द्वारा न तो ऐसी कोई सूची साझा की गई है, न ही किसी कार्रवाई के लिए कहा गया है। मोदी की टीम भले ही इसे किसी भी तरह घुमाए या अलग तरह से पेश करे, सच यही है कि रिजर्व बैंक गवर्नर की स्पष्ट सिफारिश के बावजूद सरकार ने अरबपति घोटालेबाजों पर कोई कार्रवाई नहीं की।
मोदी हाई-प्रोफाइल 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की लहर पर चढ़कर सत्ता तक पहुंचे थे, लेकिन उनकी सरकार की लापरवाही भरी बेकार जांच के चलते यह मामला अदालत में टिक नहीं पाया। विशेष अदालत के जज ओपी सैनी ने पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए. राजा समेत सभी 17 आरोपियों को बरी कर दिया। इस शॄमदगी के बाद सरकार के प्रचारकों ने जज और सरकारी वकील को इसका जिम्मेदार ठहराया। फिर भी सीबीआई द्वारा हाईकोर्ट में अपील दायर करने के बाद बीते एक साल में इस मामले की एक भी उचित सुनवाई नहीं हुई, जहां सरकार बिना किसी प्रतिरोध के इसे बार-बार टालने दे रही है। एक वरिष्ठ मंत्री बताते हैं, ‘एक बार हम हेडलाइंस मैनेज कर लेते हैं, मोदी जी की दिलचस्पी खत्म हो जाती है। आखिर जैसे बोफोर्स मामले में गांधी परिवार के कुछ करीबी थे, वैसे ही 2जी से जुड़ा एक व्यक्ति प्रधानमंत्री का प्रिय है। शो किया, खत्म किया।’ इसके अलावा पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा द्वारा विवादित राफेल सौदे की जांच के आदेश पर मोदी सरकार की चिंता का नतीजा वर्मा की आधी रात को हुई बर्खास्तगी थी। अब केंद्र सरकार ने विवादित अधिकारियों को बदला लेने और वसूली की अनुमति देकर सीबीआई और ईडी की स्वायत्तता नष्ट कर दी है। इन सब से केवल एक बात स्पष्ट होती है- जहां पन्ना प्रमुखों की सेना बहुत अच्छी तरह से खबरें मैनेज कर रही है, सच यही है कि मोदी भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई कदम उठाने में असफल रहे हैं।
अब जरा मोदी के ‘मैं भी चौकीदार’ कैंपेन की तरफ चलते हैं। प्रधानमंत्री के नाम के आगे चौकीदार जोडऩे के साथ ही मोदी कैबिनेट के लगभग हर एक मंत्री और भाजपा नेता ने अपने ट्विटर अकाउंट के आगे चौकीदार जोड़ दिया। देखते ही देखते पूरी मोदी सरकार चौकीदार नाम से भर गई, तमाम भाजपा समर्थक भी अपने नाम के आगे चौकीदार जोड़ते चले गए। इसके अलावा ‘हैशटैग मैंभीचौकीदार’ लगातार ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है। इतना ही नहीं, भाजपा के इस अभियान का जवाब देते हुए विपक्ष के कई नेताओं और सरकार की आलोचना करने वाले लोगों ने भी अपने ट्विटर अकाउंट का नाम बदलना शुरू कर दिया। ये नाम काफी रोचक और अलग-अलग तरीके से लिखे गए हैं। पाटीदार नेता और हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हाॢदक पटेल ने अपने नाम के आगे बेरोजगार जोड़ दिया है। उन्होंने ट्वीट किया है, ‘गुजरात में भाजपा डर गई है। मेरे चुनाव लडऩे के फैसले पर पिछले दस दिन से हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है, लेकिन सरकारी वकील तारीख पर तारीख ले रहे हैं। भाजपा के नेताओं पर पांच साल की सजा है फिर भी चुनाव लड़ सकते हैं और हमें चुनाव लडऩे से रोकने का हरसंभव प्रयास भाजपा कर रही है।’
आम आदमी पार्टी की नेता और दिल्ली से विधायक अलका लांबा ने अपने नाम के आगे ‘मोदी राज में असुरक्षित भारत की बेटी’ जोड़ लिया है। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा है कि अपने को चौकीदार बोलने और लिखने वाले अपनी आयकर रिटर्न की कॉफी भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करें। इसी तरह कांग्रेस की नेता पंखुड़ी पाठक ने भी अपने नाम के आगे असुरक्षित बेटी लिखा है। अब ट्विटर पर उनका नाम हो गया है ‘असुरक्षित बेटी-पंखुड़ी पाठक’। उन्होंने ट्विटर पर इसका जवाब भी लिखा है, ‘लोग सवाल करेंगे कि मैंने अपने नाम के आगे ‘असुरक्षित बेटी’ क्यूं लिखा है। वजह इतनी सी है कि पिछले 5 सालों में भारत में महिलाओं पर अत्याचार लगातार बढ़ा है। मैं हमेशा खुद को सुरक्षित समझती थी, लेकिन कुछ महीने पहले सत्ताधारी गुंडों द्वारा जानलेवा हमले ने मेरी भी सोच बदल दी।’ आम आदमी पार्टी का सोशल मीडिया संभालने वाले अंकित लाल ने भी ट्विटर पर अपना नाम बदलकर अब अपना नाम ‘चौकीदार का मालिक’ लिख दिया है। उन्होंने चौकीदार शब्द और प्रधानमंत्री की आलोचना करते हुए कई ट्वीट्स को रीट्वीट किया है। एक ट्विटर यूजर कुंदन कुमार यादव ने अपने नाम के आगे थानेदार जोड़ा है। कुंदन ने अपने के साथ आरजेडी भी लिखा है। इससे उनके राजनीतिक झुकाव का अंदेशा भी लगता है। भाजपा के ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान को असल में राहुल गांधी के ‘चौकीदार चोर है’ नारे की काट के तौर पर देखा जा रहा है। राहुल गांधी बीते कई महीनों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राफेल सौदे में हुई कथित गड़बड़ी में सीधे शामिल होने के आरोप लगाते रहे हैं। अपने इन्हीं आरोपों को धार देने के लिए राहुल गांधी अपनी हर रैली या सभा में ‘चौकीदार चोर है’ का नारा दोहराते रहते हैं। इससे पहले भाजपा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ‘मोदी है तो मुमकिन है’ नारा भी चला चुकी है। इससे जुड़े कई विज्ञापन सोशल मीडिया से लेकर टीवी पर लगातार प्रसारित हुए। हालांकि इस नारे को उम्मीद के मुताबिक कामयाबी नहीं मिल सकी और इसीलिए भाजपा अब ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान के साथ मैदान में उतरी है।
इस बीच ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान पर विपक्ष की ओर से बढ़ते हमले के बीच भाजपा ने इसे और आगे बढ़ाने की घोषणा की है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी 31 मार्च को 500 जगहों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अभियान का समर्थन देने वालों से संवाद करेंगे। उन्होंने दावा किया कि ‘मैं भी चौकीदार अभियान’ एक जन आंदोलन बन गया है, क्योंकि शुरू होते ही लाखों लोग इससे जुड़ गए।

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