मूडीज ने भारतीय बैंकिंग क्षेत्र का परिदृश्य सुधारकर ‘स्थिर’ किया

bank-work_650x488_81446453387-300x225 नई दिल्ली: मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने आज भारतीय बैंकिंग प्रणाली का परिदृश्य नकारात्मक से सुधारकर स्थिर कर दिया। उसने उम्मीद जताई है कि बैंकों के परिचालन माहौल में धीरे-धीरे सुधार आने से भविष्य में एनपीए कम बढ़ेगा।

मूडीज ने नवंबर 2011 में भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के लिए नकारात्मक परिदृश्य का अनुमान जाहिर किया था क्योंकि इसका मानना था कि बैंकों का एनपीए (वसूल न किया जा सकने वाला ऋण) बढ़ रहा है।

मूडीज के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ साख अधिकारी श्रीकांत वाडलमणि ने कहा, अगले 12 से 18 महीने के दौरान भारतीय बैकिंग प्रणाली का स्थिर परिदृश्य दर्शाता है कि बैंकों के बेहतर होते परिचालन माहौल से ऋण संबंधी समस्या बढ़ने की गति कम होगी, जिससे फंसे ऋण का अनुपात अपेक्षाकृत स्थिर होगा। मूडीज ने एक रपट में कहा कि स्थिर परिदृश्य के संबंध में मूडीज का आकलन पांच मुख्य कारकों – परिचालन माहौल में सुधार, स्थिर परिसंपत्ति जोखिम एवं पूंजी, स्थिर वित्तपोषण और नकदी – पर आधारित है।

 

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