मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम में दायित्वों के आवंटन को लेकर हुई चर्चा

भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को दायित्व जल्द बंटेंगे। उन्होंने साफ किया कि विधानसभा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे कार्यकर्ताओं को दायित्वों में कोई स्थान नहीं दिया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम में दायित्वों के आवंटन को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों ने बताया कि पहले चरण में लगभग 30 भाजपा नेताओं को दायित्व बांटे जा सकते हैं।

गौतम ने कहा कि भाजपा में लोकतंत्र है। यहां कोई किसी की लिस्ट नहीं देता है। मिलकर बैठकर लिस्ट बनाई जाती है। अनेक कार्यकर्ता जो वर्षों से पार्टी के लिए योगदान कर रहे हैं, उन्हें दायित्वों से नवाजा जाएगा। गौतम बोले कि दायित्व होली के आसपास बंटने की संभावना है, यदि किसी वजह से नहीं बंटे तो होली के बाद जल्द बांट दिए जाएंगे। संगठन पार्टी के लिए मेहनत करने वाले वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को सरकार में एडजस्ट करने के पक्ष में है।

पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त नेताओं को स्थान नहीं
उत्तराखंड प्रभारी गौतम ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में जो भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे हैं, उन्हें दायित्वों में कोई जगह नहीं दी जाएगी। पार्टी चुनाव के तत्काल बाद ऐसी कई शिकायतें अक्सर आती है। भाजपा ने इसके लिए एक सेल बनाया है, जो अनुशासनहीनता पर काम करता है। यह भी देखा जाएगा कि उसमें शिकायत माफ करने लायक हैं या नहीं। उधर, सूत्रों ने बताया कि पहले चरण में 25 से 30 कार्यकर्ताओं को निगम, आयोग और परिषदों में एडजस्ट किया जा सकता है।

इनमें 90 फीसदी वे वरिष्ठ कार्यकर्ता हो सकते हैं जिनके पास अब संगठन में भी कोई जिम्मेदारी नहीं है। भाजपा आम चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर दायित्व जल्द बांटने के पक्ष में है। इससे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम और सांसद व बूथ सशक्तिकरण अभियान की राष्ट्रीय संयोजक सरोज पांडे का स्वागत किया।

कई सीटों पर उठी थी भितरघात की आवाज
विधानसभा चुनाव के मतदान के तुरंत बाद ही कई सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों ने कुछ 
वरिष्ठ कार्यकर्ताओं पर भितरघात के आरोप लगाए थे। इनमें हरिद्वार ग्रामीण, लक्सर, यमुनोत्री, खटीमा, किच्छा, काशीपुर और नानकमत्ता सीटें शामिल हैं। इनमें काशीपुर छोड़ अन्य सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को हार मिली थी।

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