मुख्यमंत्री ने जनपद गोरखपुर में 60.65 करोड़ रु0 लागत की 03 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 01 परियोजना का किया शिलान्यास

  • लोकार्पित की गई परियोजनाओं में राप्ती नदी के बाएं तट पर महायोगी गुरु गोरक्षनाथ घाट एवं राजघाट का निर्माण, राप्ती नदी के दाएं तट पर रामघाट का निर्माण, राजघाट पर अन्त्येष्टि स्थल का निर्माण एवं प्रदूषण मुक्त  लकड़ी व गैस आधारित शवदाह संयंत्र की स्थापना शामिल
  • मुख्यमंत्री ने हाबर्ट बन्धे से महायोगी गुरु गोरक्षनाथ घाट तक सी0सी0 सड़क व नाली निर्माण का शिलान्यास किया
  • 100 दिव्यांगजन को मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल वितरित कीं
  • मुख्यमंत्री ने नाव से नदी के पार जाकर रामघाट के कार्यों का निरीक्षण तथा राजघाट पर राप्ती नदी की आरती की
  • राप्ती नदी पर घाटों के निर्माण से श्रद्धालुओं को स्नान-पूजन आदि में सहूलियत होगी, राप्ती नदी का तट स्वच्छ और रमणीक बनेगा: मुख्यमंत्री
  • नदियों के प्रति पवित्रता का भाव हम सबके मन में होना चाहिए
  • जनपद गोरखपुर के विकास की अनेक योजनाएं संचालित
  • सड़कों का विस्तार विकास का आधार

लखनऊ:  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद गोरखपुर में 60.65 करोड़ रुपए लागत की 03 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 01 परियोजना का शिलान्यास किया। लोकार्पित की र्गइं परियोजनाओं में राप्ती नदी के बाएं तट पर महायोगी गुरु गोरक्षनाथ घाट एवं राजघाट का निर्माण, राप्ती नदी के दाएं तट पर रामघाट का निर्माण, राजघाट पर अन्त्येष्टि स्थल का निर्माण एवं प्रदूषण मुक्त लकड़ी व गैस आधारित शवदाह संयंत्र की स्थापना शामिल है। उन्होंने हाबर्ट बन्धे से महायोगी गुरु गोरक्षनाथ घाट तक सी0सी0 सड़क व नाली निर्माण का शिलान्यास भी किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने 100 दिव्यांगजन को मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल वितरित कीं तथा नाव से नदी के पार जाकर रामघाट के कार्यों का निरीक्षण तथा राजघाट पर राप्ती नदी की आरती की।


मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि राप्ती नदी पर घाटों के निर्माण से श्रद्धालुओं को स्नान-पूजन आदि में सहूलियत होगी। राप्ती नदी का तट स्वच्छ और रमणीक बनेगा। इससे नगर की सुन्दरता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि राजघाट पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।  मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गोरखपुर तथा पूर्वांचल वासियों को स्नान के लिए अलग तथा अंतिम संस्कार के लिए अलग साफ-सुथरा घाट उपलब्ध होगा। राजघाट पर जन सुविधाओं की व्यवस्था भी की गई है। साथ ही, शहर से जो डेªनेज और सीवर का पानी यहां पर आता है, उसका ट्रीटमेंट करने के बाद ही जल नदी में जाएगा। उन्होंने कहा कि जीवन और मृत्यु एक सच्चाई है। गोरखपुर में राप्ती नदी में स्नान के लिए अलग से घाट की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। घाटों के संरक्षण और साफ-सफाई का उत्तरदायित्व सभी का है। उन्होंने कहा कि रामगढ़ ताल एक अच्छी झील के रूप में विकसित हो रहा है। उसके सौन्दर्य को बनाए रखने के लिए जन सहभागिता आवश्यक है। स्थानीय स्तर पर कहीं भी कोई ऐसा कार्य न हो, जो प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन के विरुद्ध हो।


मुख्यमंत्री जी ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि हाबर्ट तटबंध से स्नान घाट तक आने के लिए सड़क का उच्चीकरण करते हुए उसे 02 लेन किया जाए, जिससे आवागमन में सुविधा हो सके। सीवर/डेªनेज का प्रदूषित जल रोका जाए। नदियों के प्रति पवित्रता का भाव हम सबके मन में होना चाहिए। ‘जल है तो कल है’। हमें जल संस्कृति को अपनाना होगा। प्रयागराज में गंगा जी निर्मल हैं। इसी प्रकार राप्ती नदी की निर्मलता को भी बनाए रखा जाए। नदियों को प्रदूषण मुक्त करते हुए घाटों के सौन्दर्य को बनाए रखने के उपाय किए जाएं।  मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपद गोरखपुर के विकास की अनेक योजनाएं संचालित हैं। रामगढ़ ताल में सी-प्लेन उतारने का कार्य होगा। मार्च माह में गोरखपुर जू का उद्घाटन होगा। इस जू से मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञानार्जन भी होगा। गोरखपुर में सड़कों का चौड़ीकरण तेजी से कराया जा रहा है। सड़कों का विस्तार विकास का आधार होता है। 04 लेन सड़कों को 06 लेन में विस्तारित किया जा रहा है। विकास कार्यों के संरक्षण के कार्य में जनता सहभागी बने।


इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में सर्वांगीण विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री जी का एजेण्डा विकास, चतुर्दिक विकास एवं तेज गति से विकास है। गोरखपुर राप्ती नदी के तट पर एक साथ 03 परियोजनाओं का लोकार्पण व 01 परियोजना का शिलान्यास हुआ है। प्रदेश सरकार द्वारा योजना बनायी जा रही है कि बाढ़ की स्थिति न आने पाए। कोविड मैनेजमेंट में उत्तर प्रदेश आगे है। जनपद गोरखपुर का निरन्तर विकास हो रहा है।


इस अवसर पर सांसद श्री रवि किशन, श्री कमलेश पासवान, श्री जय प्रकाश निषाद, महापौर गोरखपुर श्री सीताराम जायसवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।  ——–

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