मिशन 2019: पिता को विरासत सौपी नहीं, पुत्र ठोक रहे ताल, जानिए क्या है मामला
पटना: नेताजी को विरासत सौंपने की बेचैनी नहीं है। लेकिन बच्चे हैं कि जल्द से जल्द पिता की जगह लेने के लिए बेताब हुए जा रहे हैं। राज्य के कुछ सांसदों, पूर्व सांसदों और मंत्रियों की संतानें अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गईं हैं। बिना इस बात की परवाह किए कि उनके पिता का लोकसभा टिकट ही संशय के घेरे में है। कुछ पिता ऐसे भी हैं, जो कानूनी बाधाओं के चलते चुनाव नहीं लड़ सकते। लिहाजा उनके पुत्रों के सामने कोई दुविधा नहीं है।
मधुबनी के भाजपा सांसद हुकुमदेव नारायण यादव बुजुर्ग हैं, लेकिन इतने भी नहीं कि टिकट मिले तो नकार दें। उनके पुत्र अशोक कुमार यादव की नजर मधुबनी पर है। उम्मीदवारी तय मानकर तैयारी में जुटे हैं।
आरके सिन्हा के बेटे कर रहे पटना साहिब से तैयारी
भाजपा के बड़े नेता और राज्यसभा सदस्य आरके सिन्हा की दिली हसरत रही है कि एक बार लोकसभा में चुनकर जाएं। पिछले लोकसभा चुनाव तक उन्होंने तैयारी की थी। शत्रुघ्न सिन्हा के बागी होने के बाद उन्हें पटना साहिब से मौका मिल सकता है। सिन्हा के बदले उनके पुत्र ऋतुराज इस सीट के लिए तैयारी कर रहे हैं।
भागलपुर में अपने पक्ष में माहौल बना रहे अर्जित शाश्वत
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे अभी बक्सर से सांसद हैं। उनके भागलपुर जाने की भी चर्चा है। इधर उनके पुत्र अर्जित शाश्वत भागलपुर में अपने पक्ष में माहौल बना रहे हैं। माहौल बनाने के फेर में ही रामनवमी के दौरान हुई हिंसक झड़प के बाद उन्हें जेल जाना पड़ा था। शाश्वत विधानसभा चुनाव में भागलपुर से भाजपा के उम्मीदवार थे।
प्रभुनाथ व जगदीश शर्मा की विरासत संभालेंगे बेटे!
राजद के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह सजायाफ्ता हैं। चाहते हैं कि बेटे रणधीर सिंह महाराजगंज संसदीय क्षेत्र की विरासत संभालें। रणधीर 11 महीने के लिए विधायक भी रह चुके हैं। भाजपा के जर्नादन सिंह सीग्रीवाल के सांसद चुने जाने के कारण 2014 में छपरा विधानसभा का उप चुनाव हुआ था। रणधीर उप चुनाव जीते। आम चुनाव में हार हो गई।
मिलता-जुलता मामला पूर्व सांसद डॉ. जगदीश शर्मा के बेटे के साथ भी है। डॉ.शर्मा सजायाफ्ता हैं। उनके पुत्र राहुल शर्मा जहानाबाद से चुनाव लड़ना चाहते हैं। पार्टी का बंधन इनके साथ नहीं है। राहुल भी पिता की सीट घोसी से एकबार विधायक रह चुके हैं।
नरेंद्र सिंह के बेटे की बांका या मुंगेर पर नजर
पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह और उनके पुत्र सुमित सिंह लोकसभा टिकट के दावेदार हैं। सुमित चकाई से विधायक थे। पिता-पुत्र बांका या मुंगेर से टिकट चाह रहे हैं। दोनों अभी जदयू में हैं।
शकुनी चाहते बेटा खगडि़या से लड़े चुनाव
पूर्व सांसद शकुनी चौधरी के पुत्र सम्राट का मामला अलग है। खगडिय़ा के सांसद रहे चौधरी बुजुर्ग हो गए हैं। उन्होंने मर्जी से विरासत सौंप दी है। सम्राट भाजपा में हैं और पिता के बदले खगडिय़ा से चुनाव लडऩा चाह रहे हैं।
रामकृपाल के पुत्र की राजनीतिक सक्रियता बढ़ी
केंद्रीय राज्यमंत्री रामकृपाल यादव के पुत्र अभिमन्यु यादव की राजनीतिक सक्रियता अचानक बढ़ गई है। रामकृपाल यादव पाटलिपुत्र के सांसद हैं। अभिमन्यु समझ रहे हैं कि लोकसभा में वैकेंसी नहीं है। सो, विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।
सांसद अरुण कुमार ने बेटे को किया लांच
रालोसपा सांसद अरुण कुमार ने अपने पुत्र ऋतुराज को लांच किया है। उन्हें राष्ट्रीय समता पार्टी की युवा शाखा का अध्यक्ष बनाया गया है। किसी अन्य दल से समझौता हो गया तो कोई बात नहीं। राष्ट्रीय समता पार्टी चुनाव में उतरी तो ऋतुराज भी कहीं से उम्मीदवार होंगे।
रामचंद्र पासवान के पुत्र भी चाहते एमपी बनना
लोजपा सांसद रामविलास पासवान और पुत्र चिराग पासवान लोकसभा में हैं। खबर है कि पासवान के सांसद अनुज रामचंद्र पासवान के पुत्र प्रिंस राज लोकसभा जाने में दिलचस्पी रखते हैं।
अररिया पर शाहनवाज का दावा
राजद के सांसद थे मो. तस्लीमउद्दीन। गुजर गए। उप चुनाव में उनके दो पुत्र सरफराज और शाहनवाज अररिया सीट पर दावा कर रहे थे। टिकट सरफराज को मिला। जीत गए। उनकी छोड़ी जोकीहाट विधानसभा सीट पर भी उप चुनाव हुआ। शाहनवाज को टिकट मिला। जीते भी, लेकिन लोकसभा में जाने का अरमान अब भी जिन्दा है। जाहिर है, अगली बार अररिया के लिए उनका भी दावा रहेगा। वैसे, शाहनवाज कहते हैं-मेरी कोई इच्छा नहीं है। पार्टी कहेगी तो चुनाव लड़ लेंगे। नहीं कहेगी, नहीं लड़ेंगे।