मिनिमल इन्वेसिव कॉर्डिएक सर्जरी से उम्मीद

heart_surgery_cardiac_27_08_2015देश में सीवीडी (कॉर्डियोवस्कुलर बीमारी) की समस्या तेजी से बढ़ रही है। 35 से 65 साल के लोगों में यह बीमारी अधिक संख्या में देखी जाती है। भारत में युवाओं में सीएडी की घटनाएं 12 से 16 प्रतिशत हैं। कॉर्डिएक मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि के कारण एमआईसीएस ( मिनिमल इनवेसिव कॉर्डिएक सर्जरी) में भी बढ़ोतरी हो रही है।

यह तकनीकी रूप से विकसित है और सर्जन्स की तकनीकी योग्यता बेहतर बनाता है। मरीज अब सर्जरी के एनाटॉमिकल, फिजियोलॉजिकल और साइकॉलॉजिकल प्रभावों के बारे में अधिक जानने लगे हैं। शरीर के ऊतकों में न्यूनतम चीरा और न्यूनतम एनाटॉमिक बदलाव से बेहतर कॉस्मेटिक परिणाम मिलते हैं और मरीजों को मनोवैज्ञानिक सुकून मिलता है।

मरीजों को हमेशा सर्जरी के प्रभावों का डर होता है। एमआईसीएस से रोगी जल्दी ठीक हो जाते हैं और अपने दैनिक कार्य करना प्रारंभ कर सकते हैं, इसलिए सर्जरी का डर भी कम हो जाता है।

न्यूनतम इनवेसिव कॉर्डिएक सर्जरी क्या है

न्यूनतम इनवेसिव हार्ट सर्जरी को की-होल सर्जरी भी कहते हैं। यह सर्जरी छोटे से चीरे में विशेष सर्जिकल उपकरण के द्वारा की जाती है। न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी में चीरा 3 से 4 ईंच का होता है, जबकि परंपरागत सर्जरी में यह 6 से 8 इंच का होता था।

यह तो सभी जानते हैं, कि कार्डिएक सर्जरी का लाभ लम्बे समय में मिलता है। हालांकि ऑपरेशन के बाद के समय में इस बीमारी होने की दर मिडलाइन स्टर्नोटोमी और कॉर्डियोपल्मोनरी बाइपास पर निर्भर होती है। स्टर्नोटोमी से छाती को खोलना एक बड़ा सदमा होता है और यह कॉर्डिएक सर्जरी का सबसे अधिक भयावह पक्ष होता है।

इस सर्जरी के ये हैं फायदे

छोटा चीरा, छोटे दाग।

सर्जरी के बाद हॉस्पिटल में थोड़ा सा समय

मिनिमल इनवेसिव सर्जरी में औसतन 3 से 5 दिन हॉस्पिटल में रुकना पड़ सकता है, जबकि परंपरागत हार्ट सर्जरी में औसतन 7 से 10 दिन रुकना होता था।

संक्रमण का खतरा कम

  • रक्तस्राव और खून चढ़ाए जाने की जरूरत कम।
  • जल्द स्वास्थ्य लाभ और सामान्य गतिविधियां जल्द/1 से 4 हफ्ते में प्रारंभ।

किस प्रकार की सर्जरी इसके जरिए की जा सकती है

इस विषय में काफी शंकाएं हैं, कि क्या न्यूनतम एक्सेस तकनीक के द्वारा सभी कॉर्डिएक सर्जरी की जा सकती हैं। हमने मिनिमल इनवेसिव कॉर्डिएक सर्जरी (एमआईसीएस) के द्वारा लगभग हर तरह के वयस्क कॉर्डिएक ऑपरेशन किए हैं। न्यूनतम इनवेसिव केवल वयस्क मरीजों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसे कुछ पीडियाट्रिक केसेस में भी प्रयोग किया गया है।

न्यूनतम इनवेसिव हार्ट सर्जरी के लक्ष्य में शामिल है

  • जीवन की गुणवत्ता में सुधार।
  • अधिक सक्रिय जीवनशैली प्रदान करने में मदद।
  • हृदय की पंप करने की क्षमता को बेहतर बनाना, क्योंकि हृदयाघात से यह प्रभावित होती है।
  • हृदयाघात के खतरे को कम करना (कुछ मरीजों में, जैसे जिन्हें डायबिटीज हो)।
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