मार्क जुकरबर्ग और बिल गेट्स से लेकर ये अरबपति है कॉलेज ड्रॉपआउट
अगर एग्जाम में अच्छे मार्क्स नहीं आए तो सब सोच कर बैठ जाते है कि बच्चा नालायक है. वह कितना काबिल है ये बात उसके अच्छे मार्क्स ही तय करते है. क्या ये सही है? हम ये नहीं कह रहे है कि एग्जाम के मार्क्स जरूरी नहीं है पर स्कूल-कॉलेज में आए मार्क्स पर आपका पूरा भविष्य निर्भर नहीं है. 12वीं का रिजल्ट जल्द ही आने वाला है. हम उन स्टूडेंट्स को बताना चाहते है कि सिर्फ अच्छे मार्क्स में नहीं बल्कि आपके जुनून में छिपी है आपकी कामयाबी.. जानते हैं उन लोगों के बारे में जिन्होंने साबित किया है मार्क्स से आगे है आपकी कामयाबी.
आज जिस कंप्यूटर के बिना कोई भी काम पॉसिबल नहीं है. उसे बनाने वाले बिल गेट्स होनहार स्टूडेंट की लिस्ट में शामिल नहीं थे. अपनी स्कूल शिक्षा प्राप्त कर उन्होंने कॉलेज का मुंह तक नहीं देखा. लेकिन आज विश्व के सबसे अमीर व्यक्ति में बिल गेट्स का नाम सबसे पहले शुमार किया जाता है.
जानकर हैरानी होगी जिसने देश को क्रिकेट में पहला वर्ल्डकप दिलाया. पढ़ाई में अच्छे ना होने के वजह से शुरू से ही उनका मन क्रिकेट की ओर था. इसलिए उन्होंने स्कूली पढ़ाई को बीच में छोड़ दिया. लेकिन जब-जब वर्ल्ड कप का जिक्र होगा कपिल देव का नाम सदा याद किया जाएगा.
आज जिसकी वजह से युवाओं को फ्री डाटा मिल रहा है उसी रिलायंस इंडस्ट्री के मालिक मुकेश अंबानी ने stanford university में MBA में एडमिशन लिया लेकिन एक साल के बाद पढ़ाई छोड़ दी. आज वह भारत के सबसे अमीर इंसान है.
जहां मार्क्स बोलना बंद कर दें, वहां हुनर बोलता है.बिना बोले लोगों को हंसा-हंसा कर लोटपोट कर देने वाले चार्ली चैपलिन ने महज 13 साल की उम्र में स्कूल को गुडबॉय बोल दिया था.