मानसून सत्र से पहले एकजुट के साथ आज होगी विपक्ष की सर्वदलीय बैठक

संसद के मानसून सत्र के लिए मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों ने सोमवार को बैठक कर नए-पुराने मुद्दों को धार दी। वहीं आज राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दलों की बैठक होने वाली है। दूसरी तरफ आज सर्वदलीय बैठक भी है जिसमें सत्र को सुचारू रूप से चलाने पर सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है। विपक्षी दलों ने एकजुटता के फार्मूले के साथ मंगलवार को सरकार के साथ होने वाली सर्वदलीय बैठक में उन मुद्दों की जानकारी देने का फैसला किया जिन पर सरकार से जवाब चाहती है। विपक्ष दलों ने रणनीति बनाई है कि हर हाल में दोनों सदन चलें ताकि संसद के भीतर ही सरकार को घेरा जा सके। वहीं विपक्ष आश्वासन चाहता है कि सरकार अपने सहयोगी दलों को सदन में अवरोध उत्पन्न करने पर रोके।  मानसून सत्र से पहले एकजुट के साथ आज होगी विपक्ष की सर्वदलीय बैठकटीडीपी की ओर से आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग पर अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल भी समर्थन को तैयार हैं। हालांकि इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि टीडीपी के चलते सदन में व्यवधान न पड़े। टीडीपी और एआईडीएमके की मांग को लेकर भी विपक्ष सरकार से हस्तक्षेप चाहती है। 

विपक्षी दलों ने बैठक में राज्यसभा के उपसभापति के लिए संयुक्त उम्मीदवार उतारने की रणनीति तैयार की है। हालांकि विपक्षी दल चाहते हैं कि इस संबंध में पहल सरकार की ओर से हो। अगर उपसभापति को लेकर चुनाव की नौबत आती है तो विपक्ष का अपना उम्मीदवार होगा।

विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए अर्थव्यवस्था, मॉब लिचिंग, कश्मीर, मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाने का फैसला लिया है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने मीडिया से कहा कि परंपरागत ढंग से सत्र से पहले विपक्षी दलों से एक साथ बैठक कर सदन में बेरोजगारी, किसानों से जुड़े मुद्दे, विश्वविद्यालयों में एसटी-एसटी आरक्षण समाप्त किए जाने आदि मुद्दे उठाए जाने पर चर्चा की।  

सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के नेता अपनी-अपनी बात रखेंगे। बैठक में शामिल हुई विपक्ष की 13 पार्टियों ने तय किया है कि हम सदन चलना देखना चाहते हैं। आजाद का कहना है कि हम देश के लोगों के मुद्दे उठाना चाहते हैं। पिछली बार पूरा विपक्ष चाहता था दोनों सदन चलें लेकिन पहली बार हुआ सरकार नहीं चाहती है कि संसद चले। पिछली बार रूलिंग पार्टी के सहयोगी दलों ने संसद नहीं चलने दिया लेकिन आरोप लगाया गया कि विपक्ष ने हंगामा किया।  

बैठक में शामिल होने वाले विपक्षी नेता 
एनसीपी नेता शरद पवार, सपा से प्रो. रामगोपाल यादव, बसपा सतीश चंद्र मिश्रा, सीपीआई डी.राजा, आरजेडी मीसा भारती, टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर राय, डीएमके इलेंगवान, मो.सलीम सीपीआईएम, जदएस डी कुपेंद्र रेड्डी, आएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, केसीएम के जोस के मनी के अलावा कांग्रेस की ओर से गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खडग़े, अहमद पटेल, आनंद शर्मा और ज्योतिरादित्य सिंधिया मौजूद थे।  

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