माता पिता कृपया ध्यान दें…
नई दिल्ली : माता पिता कृपया ध्यान दें। आजकल कई माता पिता अपने बच्चों के व्यवहार को लेकर शिकायत करते रहते हैं। वे उनके बदलते व्यवहार से चिंतित होकर काउंसलर्स के साथ मनोवैज्ञानिकों के पास भी चक्कर लगाते देखे जा सकते हैं। अगर आप भी उनमें से एक हैं, तो यह खबर आपके लिए है।
आपको बता दें, बचपन में जिन सगे भाई बहनों के बीच रिश्ते सकारात्मक होते हैं। उनमें तनाव जैसी मनोवैज्ञानिक समस्याएं कम होती हैं। साथ ही उनके बीच जोखिम भरा व्यवहार कम देखा जाता है। एक नए स्टडी में इस बात को साबित किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मिसूरी के असिस्टेंट प्रोफेसर सारा किलोरीन ने बताया, ”रीसर्च बताती है कि मैक्सिको में पैदा हुए सगे भाई बहन अपने माता पिता और उनके साथियों की तुलना में अपनी किशोरावस्था में आपस में ज्यादा समय बिताते हैं।”
रीसर्चर्स ने अमेरिका में रह रहे 246 मेक्सिको के परिवारों पर कई सालों तक की स्टडी में होम इंटरव्यू डाटा इकट्ठा किया। उन्होंने 12-15 साल के सहोदर बच्चों के रिश्तों की गुणवत्ता पर स्टडी में आकलन किया। उन्होंने इस बात को परखा कि सहोदर भाई बहनों के किशोरावस्था के दौरान के रिश्ते दोनों के अवसाद संबंधी लक्षणों से संबंधित होते हैं। जो कि किशोरावस्था के 5 से 8 साल के बाद उनके जोखिम भरे व्यवहार (रिस्की विहेवियर) और सेक्सुअल रिस्क विहेवियर से ताल्लुक रखते थे।
अपने छोटे भाई बहन से सकारात्मक संबंध रखने वाले बडे़ बच्चों में कमतर अवसाद संबंधी लक्षण देखे गए। साथ ही उन्हें कम स्तर पर रिस्की बिहेवियर में शामिल देखा गया।
इसी तरह अपने से बड़े विपरीत लिंग के सहोदर से नकारात्मक संबंध रखने वाले बच्चों में सेक्सुअल रिस्क विहेवियर देखा गया। रिसर्चर्स ने बताया, ”सहोदर बच्चे जो एक दूसरे से लड़ाई करते हैं। वे ही आगे जाकर अपने साथियों से बातचीत में वैसा ही ढ़ंग अपनाते हैं। कई साथी जब उस तरह की लड़ाई और नकारात्मकता पर प्रतिक्रिया नहीं करते, तो ऐसे नौजवानों में विपरीत साथियों के समूह में शामिल होने की संभावना बढ़ जाती है। और ऐसे ही वे रिस्की बिहेवियर करने लग जाते हैं।”
रीसर्च बताती है, माता पिता को अपने बच्चों को अपने भाई बहन के साथ आपस में ज्यादा समय बिताने के लिए प्रेरित करना चाहिए। साथ ही ऐसे रोल मॉडल बनने के लिए भी प्रोत्साहित करना चाहिए। इस तरह माता पिता अपने बच्चों के रिश्तों में मूल्यों और सकारात्मकता बढा सकते हैं। क्योंकि सबसे लंबे समय तक लोग अपने भाई बहन तक ही रह सकते हैं। बता दें, यह स्टडी इंटरनेशनल जरनल ऑफ बिहेवियरल डेवलेपमेंट में प्रकाशित हो चुकी है।