महाराष्ट्र में दूध की कीमत निर्धारित करने की मांग को लेकर उग्र हुए दूध व्यापारी, सड़कों पर फेंका दूध
महाराष्ट्र में कोरोना संकट के बीच स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के कार्यकर्ताओं ने सांगली की सड़कों पर दूध फेंकना शुरू कर दिया। संगठन की मांग है कि गाय के दूध की न्यूनतम दर 25 रुपये प्रति लीटर निर्धारित की जाए। इधर, महाराष्ट्र के पशुपालन मंत्री सुनील केदार, स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के नेता सदाभाऊ खोत और दुग्ध उत्पादक किसानों के अन्य प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। महाराष्ट्र के सांगली में दूध की कीमतों को लेकर स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन जारी है। संगठन ने अपना उग्र रूप दिखाते हुए हिंगोल में दूध के एक टैंकर में आग भी लगा दी है।
औंढ़ा इलाके में ट्रक को जबरन रुकवाकर प्रदर्शनकारियों ने उसे आग के हवाले कर दिया।प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। दरअसल, ये आंदोलन स्वाभिमानी शेतकरी संगठन की ओर से दूध उत्पादक किसानों को दूध और दूध पाउडर के लिए ज्यादा कीमत दिए जाने की मांग को लेकर किया गया था। बारामती में भाजपा और राष्ट्रीय समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने तहसील कार्यालय पर हमला बोलते हुए, उसके सामने दूध फेंककर राज्य सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस मामले में पांच कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। बारामती के साथ-साथ इंदापुर में भी पूर्व मंत्री हर्षवर्धन पाटिल ने सीएम उद्धव ठाकरे को दूध की केतली भेंट करते हुए दूध उत्पादक किसानों की खरीद रेट बढ़ाने की मांग की। पुणे में भी दूध के दामों में 10 रुपये प्रति लीटर इजाफा किये जाने की मांग की जा रही है।
किसानों को मुआवजा देने की मांग करते हुए सांसद गिरीश बापट, पूर्व विधायक जगदीश मुलिक ने पुणे के जिलाधिकारी नवल किशोर राम को दूध की थैली भेंट कर दूध के दाम बढ़ाये जाने की मांग की। दूध के दाम में 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी के साथ दूध पाउडर के लिए 50 रुपये अनुदान देने की मांग को लेकर उद्धव सरकार के खिलाफ आंदोलन जारी है। स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के संस्थापक अध्यक्ष और पूर्व सांसद राजू शेट्टी के सोमवार को ही बता दिया था कि मंगलवार के दिन पूरे महाराष्ट्र के दूध उत्पादक किसान अपनी गाय-भैंस का दूध, कलेक्शन सेंटर पर नहीं पहुंचाएंगे। राज्य में प्रतिदिन गाय का 1 करोड़ 19 लाख लीटर दूध और भैंस का 11 लाख लीटर दूध एकत्रित किया जाता है।