महाराजगंज के मदरसा में राष्ट्रगान गाने से मना करने का वीडियो वायरल, मौलाना गिरफ्तार

गोरखपुर। कोल्हुई थाना क्षेत्र के मदरसा अरबिया अहले गर्ल्स मलंगडिहवा बडगो में बुधवार को स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के दौरान मौलाना द्वारा मदरसा में राष्ट्रगान गाने से मना करने का वीडियो वायरल होते ही हड़कंप मच गया। आनन फानन में देर रात स्थानीय पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपित मौलाना जुनैद अंसारी को गिरफ्तार कर बाकी साथियों की तलाश में जगह- जगह छापेमारी कर रही है।महाराजगंज के मदरसा में राष्ट्रगान गाने से मना करने का वीडियो वायरल, मौलाना गिरफ्तार

इस प्रकरण में जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय ने भी बीएसए व जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को जांच सौंपी है। बताते चलें कि मदरसे में राष्टगान के लिए बच्चों को मना करने का वीडियो वायरल होते ही लोग आक्रोशित हो उठे। इस मामले में कोल्हुई पुलिस ने उमेश यादव की तहरीर पर शिक्षक मो0 जुनैद अंसारी निवासी बड़गो टोला मलंगडीह थाना कोल्हुई, मो0 निजाम पुत्र अब्दुल वहीद नि0 मिठौरा बाजार थाना निचलौल व अजलूर रहमान पुत्र इश्हाक अली नि0 मेघौली खुर्दु थाना निचलौल के खिलाफ धारा-124ए, 153बी भा0द0वि0 , 2, 3 राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 व 7 सी0एल0ए0 एक्ट , 67 आई0टी0 एक्ट के तहत अभियोग पंजीकृत किया है।पुलिस अधीक्षक आरपी सिंह ने कहा कि इस मामले में एक आरोपी मौलाना को गिरफ्तार कर लिया गया है। शेष दो अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए टीम द्वारा छापेमारी की जा रही है।

आइये जानते हैं राष्ट्रगान गाने और बजाने के नियम

राष्ट्रगान को रवीन्द्रनाथ टैगोर ने लिखा था। संविधान सभा ने ”जन-गण-मन” को 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगान के रुप में स्वीकार किया था। राष्ट्रगान को पहली बार साल 1911 में कोलकाता में कांग्रेस के एक कार्यक्रम में गाया गया था। राष्ट्रगान गाने और बजाने को लेकर कई नियम और कानून हैं। आज हम आपको राष्ट्रगान गाने और बजाने के नियम और कानून बता रहै हैं।

राष्ट्रगान का अपमान करने पर मिल सकती है सजा

राष्ट्रगान के संदर्भ में “प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट्स टू नेशनल ऑनर एक्ट, 1971” में नियम बनाए गए हैं। इसके अनुसार राष्ट्रगान का अपमान करने पर तीन साल तक की कैद या जुर्माना हो सकता है।

राष्ट्रगान गाते समय बाधा पहुंचाने पर भी है सजा

1971 के “प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट्स टू नेशनल ऑनर एक्ट” के सेक्शन 3 के मुताबिक, जान-बूझ कर किसी को राष्ट्रगान गाने से रोकने या गा रहे समूह को बाधा पहुंचाने पर तीन साल तक की कैद की सजा हो सकती है या जुर्माना भरना पड़ सकता है। दोनों सजाएं एक साथ भी दी जा सकती हैं।

राष्ट्रगान के अपमान से जुड़े अन्य मामले

1986 में कुछ छात्रों को स्कूल से निकाला गया

1986 में केरल के एक स्कूल ने राष्ट्रगान न गाने के आरोप में तीन बच्चों को स्कूल से निकाल दिया था। हालांकि, बच्चे राष्ट्रगान के दौरान खड़े थे और उन्होंने राष्ट्रगान गाया नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने इन बच्चों को वापस स्कूल में लेने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि यदि कोई राष्ट्रगान के समय सम्मानपूर्वक खड़ा है और गा नहीं रहा है तो यह अपमान की श्रेणी में नहीं आता है।

राष्ट्रगान गाने बजाने के नियम

राष्ट्रीय गान के सम्मान के लिए बनाये गये कुछ सामान्य नियम निम्नलिखित हैं-
1. राष्ट्रगान जब गाया अथवा बजाया जा रहा हो तब हमेशा सावधान की मुद्रा में खड़े रहना चाहिए।
2. राष्ट्रगान का उच्चारण सही होना चाहिए तथा इसे 52 सेकेंड की अवधि में ही गाया जाना चाहिए। इसके संक्षिप्त रूप को 20 सेकेंड में गाया जाना चाहिए।
3. राष्ट्रगान जब गाया जा रहा हो तब किसी भी व्यक्ति को परेशान नहीं करना चाहिए। उस समय अशांति, शोर-गुल अथवा अन्य गानों तथा संगीत की आवाज नही होनी चाहिए।
4. शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रगान होने के बाद दिन की शुरुआत करनी चाहिए।
5. राष्ट्रगान के लिए कभी अशोभनीय शब्दों का उपयोग नही करना चाहिए।

राष्ट्रीय ध्वज का पर्दा बनाने वाला गिरफ्तार

मुरादाबाद : राष्ट्रीय ध्वज का पर्दा बनाकर घर के दरवाजे पर टांगने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। सोशल साइट पर वीडियो वायरल होने पर पुलिस उसके घर पहुंची और राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के आरोप में जेल भेज दिया। थाना भगतपुर के ग्राम टाहमदन में मुस्तफा अली ने तिरंगे का पर्दा बनाकर घर के दरवाजे पर टांग दिया। गांव के ही किसी व्यक्ति ने इसका वीडियो बनाकर सोशल साइट पर वायरल कर दिया। पुलिस के आला अफसरों की वीडियो पर नजर पड़ी तो उन्होंने तुरंत भगतपुर एसएचओ को आरोपित के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए। पुलिस खोजबीन करती हुई आरोपित के घर जा धमकी और उसे गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने तिरंगे को कब्जे में लेकर सील कर दिया है। मुकदमा दर्ज करके आरोपित को अदालत में पेश किया गया है।आरोपित मुस्तफा का कहना है कि वह अनपढ़ है और पुराने कपड़े खरीदने-बेचने का काम करता है। पुराने कपड़ों में तिरंगा भी निकला था। उसने इसे बेचा नहीं और दरवाजे पर डाल दिया। उसे यह ज्ञान नहीं था कि यह गैरकानूनी है।

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