महंगा होगा अब यूपी-दिल्ली से उत्तराखंड का सफ़र, जानें क्यों

उत्तराखंड में दिल्ली, यूपी सहित दूसरे राज्यों से आने वाली गाड़ियों पर प्रवेश शुल्क के बजाए ग्रीन सेस लगाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए एक सिस्टम तैयार किया जा रहा है। इसके तहत फास्टैग की तर्ज पर गाड़ियों से ग्रीन टैक्स कट जाएगा। दूसरा, राज्य में रोडवेज और प्राइवेट ऑपरेटरों की बसों का किराया कम करने की भी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। यह जानकारी राज्य के परिवहन मंत्री चंदनराम दास ने दी।

विधानसभा में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि ग्रीन सेस केवल बाहर से आने वाले वाहनों से ही लिया जाएगा। इसका खाका तैयार किया जा रहा है। उत्तराखंड के वाहन इससे मुक्त रहेंगे। मालूम हो कि राज्य में अब तक प्रवेश शुल्क की व्यवस्था लागू है पर केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को इस टैक्स को बंद करने के निर्देश दिए थे।

पिछले कुछ समय से परिवहन विभाग ग्रीन सेस का साफ्टवेयर तैयार करने में जुटा हुआ है। यह टैक्स 30 से 60 रुपये तक हो सकता है। मंत्री ने बताया कि रोडवेज व प्राइवेट आपरेटरों की बसों का किराया कम करने के लिए आवास विभाग के साथ मिलकर एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है।

यदि वाहनों से यात्री कर कम हो जाता है तो यात्री किराया भी कम होने का रास्ता खुल जाएगा। सूत्रों के अनुसार, वर्तमान में प्रति सीट 400 रुपये तक यात्री कर लिया जाता है।

चारधाम यात्रा को 350 बसों की वैकल्पिक व्यवस्था 
परिवहन मंत्री चंदनराम दास ने सोमवार को विधानसभा में परिवहन विभाग और रोडवेज की समीक्षा की। बैठक के बाद मंत्री ने मीडिया को बताया कि चारधाम यात्रा के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। देश-विदेश से आने वाले यात्रियों की और जरूरत पड़ने पर पड़ोसी राज्यों की मदद से 350 बसों का इंतजाम किया जाएगा। यात्रा के चारों रूट पर ड्राइवर-कंडक्टरों के लिए अस्थायी स्टेशन और रेस्ट रूम बनाए जाएंगे। दूसरी तरफ, एक साल में रोडवेज 500 बसों की व्यवस्था करने जा रहा है।

Back to top button