मप्र लोकसेवा आयोग ने पहली बार सार्वजनिक की पेपर सेटिंग की प्रक्रिया

इंदौर। मप्र लोकसेवा आयोग ने पहली बार अपनी परीक्षा प्रक्रिया का ब्योरा जारी किया है। पेपर सेट करने से लेकर चयन सूची बनाने तक की प्रक्रिया की जानकारी चरणबद्ध तरीके से वेबसाइट पर सार्वजनिक की गई है। इसे चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रहे उम्मीदवारों की शंका दूर करने की कोशिश माना जा रहा है।

मप्र लोकसेवा आयोग ने पहली बार सार्वजनिक की पेपर सेटिंग की प्रक्रियाआयोग ने उपसचिव के हस्ताक्षर से पीएससी द्वारा संचालित सभी परीक्षाओं में अपनाई जा रही प्रक्रिया का ब्योरा दिया है। पीएससी के मुताबिक प्रत्येक परीक्षा के लिए आयोग तीन प्रश्नपत्र तैयार करवाता है। तीनों प्रश्नपत्र अलग-अलग विषय विशेषज्ञ बनाते हैं। अशुद्धियां दूर करने के लिए ये सभी प्रश्नपत्र अनुसीमक (मॉडरेटर) के पास भेजे जाते हैं।

परीक्षा होने के बाद आयोग पहली उत्तरकुंजी प्रावधिक रूप से जारी करता है। यह आंसरशीट असल में आयोग के सेटर और मॉडरेटर की ओर से दिए उत्तरों की होती है। पीएससी के मुताबिक चूंकि इसमें अभिमत, टाइपिंग या अन्य तरह की त्रुटियां हो सकती हैं, लिहाजा इसे मॉडल मानकर आपत्तियां आमंत्रित की जाती हैं। मॉडल आंसरशीट को विषय विशेषज्ञों के सामने रखकर आपत्तियों का निराकरण किया जाता है।

इन स्थितियों में विलोपित होते हैं प्रश्न

राज्यसेवा परीक्षा-2018 में प्रश्नों के रद्द यानी डिलीट करने और फाइनल आंसरशीट पर विवाद और विरोध जारी है। इसी को शांत करने की कोशिश में आयोग ने साफ किया है कि सिर्फ तीन ही स्थितियों में प्रश्न विलोपित किए जाते हैं। पहला जब किसी प्रश्न का सही उत्तर विकल्प में न हो, दूसरा किसी के विकल्प में एक से ज्यादा सही उत्तर हो, तीसरा किसी प्रश्न के हिंदी और अंग्रेजी अनुवाद में अंतर हो।

आयोग ने साफ किया है कि चयन प्रक्रिया की प्रारंभिक परीक्षा के नतीजे आने से पहले संबंधित विभाग द्वारा मांगपत्र आने पर उसके पदों में संशोधन किया जाता है। इसी प्रक्रिया के तहत राज्यसेवा-2018 में पद बढ़ाए जा रहे हैं। राज्यसेवा के रिजल्ट की प्रक्रिया को साफ करते हुए आयोग ने स्पष्ट किया है कि प्रारंभिक परीक्षा में पदों के मुकाबले 15 गुना जबकि मुख्य परीक्षा में पदों के मुकाबले तीन गुना उम्मीवार चुने जाते हैं।

दोबारा संशोधन की रखी थी मांग

पीएससी ने इसी महीने राज्यसेवा परीक्षा की फाइनल आंसरशीट जारी की है। इसमें दिए गए सवाल-जवाब से अब भी कई उम्मीदवार असंतुष्ट हैं। दो सप्ताह पहले सैकड़ों उम्मीदवारों ने प्रदर्शन कर आंसरशीट में दोबारा संशोधन करने की मांग रखी थी। इन्होंने पीएससी की प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किए थे। पीएससी ने पारदर्शिता और सवालों का जवाब देते हुए सभी के लिए अब पूरी प्रक्रिया सार्वजनिक कर दी है।

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