भूलकर भी 1 से 30 अप्रैल तक न करें ये काम, वरना आप हो जाएंगे बेहद परेशान

स्कंद पुराण में वैशाख मास को सभी मासों में उत्तम बताया गया है। इस बार वैशाख मास का प्रारंभ 1 अप्रैल, रविवार से हो रहा है, जो 30 अप्रैल, सोमवार तक रहेगा।भूलकर भी 1 से 30 अप्रैल तक न करें ये काम, वरना आप हो जाएंगे बेहद परेशानपंडित विपिन चंद्र जोशी ने बताया कि पुराणों के मुताबिक वैशाख में सूर्योदय से पहले स्नान करने वाला और व्रत रखने वाला व्यक्ति भगवान विष्णु को प्रिय होता है। लेकिन अगर कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा तो भगवान रूठ भी सकते हैं।

स्कंद पुराण के अनुसार वैशाख में व्रत रखने वाला को प्रतिदिन सुबह सूर्योदय से पूर्व किसी तीर्थस्थान, सरोवर, नदी या कुएं पर जाकर स्नान करना चाहिए। स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य देते समय यह मंत्र बोलना चाहिए: वैशाखे मेषगे भानौ प्रात: स्नानपरायण:। अर्ध्य तेहं प्रदास्यामि गृहाण मधुसूदन।।

इसके साथ ही इन बातों का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। वैशाख व्रत की कथा सुननी चाहिए तथा ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र’ का जाप करना चाहिए। व्रत करने वाले को एक समय भोजन करना चाहिए। इस महीने में प्याऊ की स्थापना करवानी चाहिए। पंखा, खरबूजा एवं अन्य फल, अनाज आदि का दान करना चाहिए।

स्कंद पुराण के अनुसार, इस महीने में तेल लगाना, दिन में सोना, कांसे के बर्तन में भोजन करना, दो बार भोजन करना, रात में खाना आदि वर्जित माना गया है।

Back to top button