भूखे थे बच्चें, नहीं बिके जेवर तो उठाया ये कदम

न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। लॉकडाउन के चलते जहां हर तरफ के दरवाजे बंद है, वही गरीबों की सुनने वाला कोई नहीं है, जिसका नतीजा ये निकल रहा है… ऐसा सोच के भी रूह कांप उठती है।
लॉकडाउन की वजह से जहां लोगों के रोजगार जा रहे हैं, वहीं मजदूरों को दो वक्त की रोटी तक नसीब नहीं हो रही है। जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश के कानपुर में गरीब किसान ने खुदकुशी कर ली।
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वजह सामने आने पर हर कोई परेशान हो उठा। जानकारी मिली है कि उसके पास अपने बच्चों की भूख मिटाने भर के पैसे नहीं थे, जिसके चलते वो परेशान था और उसने खुदकुशी का रास्ता अपना लिया। पुलिस ने आत्महत्या का केस दर्ज कर किया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
बताया जा रहा है लॉकडाउन में काम न मिलने से परेशान काकादेव थाना क्षेत्र के राजापुरवा निवासी विजय से जब अपने चार बच्चों की भूख नहीं देखी गई तो उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
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भूखे परिवार का पेट भरने के लिए मजदूर ने पूरी कोशिश की। लेकिन उसे कहीं काम नहीं मिला, उसके चार बच्चों को पिछले 15 दिन से भरपेट खाना नहीं मिला था। बच्चे कभी सूखी रोटी खाकर सो जाते तो कभी पानी पीकर।
मृतक की पत्नी के अनुसार लॉकडाउन की वजह से काम बंद था। जिसकी वजह से वो काफी परेशान थे, पैसा खत्म हो गए थे। कई दिनों से बच्चों की भूख विजय से देखी नहीं गई। तो उसने इस दुनिया से चले जाने का फैसला कर लिया और फांसी लगाकर जान दे दी। पत्नी ने कहा कि घर में कुछ जेवर भी थे जिन्हें बेचने का प्रयास भी किया, लेकिन दुकान ना खुली होने की वजह से जेवर नहीं बिक पाए।
पड़ोसियों के मुताबिक विजय बहादुर की मदद के लिए कई लोगों ने कई बार हाथ भी बढ़ाएं, लेकिन संकोच की वजह से उसने मांगना सही नहीं समझा। लोगों के अनुसार वो काफी मेहनती था और सुलझा हुआ व्यक्ति था, किसी ने सोचा नहीं था वो ऐसा करेगा।
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