भाजपा विधायकों के सहायक भी सीखेंगे संगठन और सरकार में तालमेल के गुर
भारतीय जनता पार्टी अपने मिशन-2019 में कोई कमी नहीं रहने देना चाहती है। इसके लिए वह भाजपा के विधायकों के संग उनके सहायकों काे भी तैयार करना चाहती है। पार्टी अब उत्तरी भारत के अपने सभी विधायकों के निजी सचिव व सहायकों को सरकार और संगठन में तालमेल बैठना सिखाएगी। इसके लिए विधायकों के स्टाफ को सियासी दांव-पेंच सिखाने के लिए पार्टी 7 सितंबर से चंडीगढ़ में उत्तर भारतीय राज्यों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर लगाने जा रही है।
इसमें हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और दिल्ली के विधायकों का निजी स्टाफ शामिल होगा। 9 सितंबर तक चलने वाले प्रशिक्षण शिविर में स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी विधायकों की रहेगी।
7 से 9 सितंबर तक चंडीगढ़ में लगेगा प्रशिक्षण शिविर, सभी विधायकों के स्टाफ का शामिल होना अनिवार्य
हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और दिल्ली के प्रतिनिधि सीखेंगे सियासी दांव-पेंच
चंडीगढ़ के सेक्टर-37 स्थित पंजाब भाजपा कार्यालय में होने वाले शिविर में पार्टी के वरिष्ठ नेता विभिन्न मुद्दों पर अपने अनुभव साझा करते हुए निजी सचिवों एवं सहायकों को टिप्स देंगे। ओवरऑल जिम्मेदारी केंद्रीय प्रशिक्षण टोली के सदस्य एवं वरिष्ठ नेता रविंद्र साठे को सौंपी गई है। शिविर में संबंधित राज्यों के पार्टी पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। पार्टी ने इस आयोजन की जिम्मेदारी वरिष्ठ नेता धीरेंद्र तायल को सौंपी है।
आठ सत्रों में विशेषज्ञ देंगे टिप्स
प्रशिक्षण कार्यक्रम कुल आठ सत्रों में चलेगा। सबसे पहले निजी सचिव एवं सहायकों को भाजपा के इतिहास एवं विकास के बारे में बताया जाएगा। इसके अलावा सत्ता व संगठन में तालमेल बिठाने के गुर सिखाए जाएंगे। प्रशिक्षण शिविर के दौरान विधायी अथवा संसदीय मामले, कार्यालय प्रबंधन, सोशल मीडिया प्रबंधन, व्यक्तित्व विकास जैसे मुद्दों पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
विधायकों ने नहीं भेजा स्टाफ तो माना जाएगा अनुशासनहीनता
भाजपा हाईकमान ने सभी छह राज्यों के पार्टी विधायकों को निर्देश दिया है कि अपने स्टाफ को शिविर में अनिवार्य रूप से भेजें। कोई विधायक यदि अपने स्टाफ को शिविर में नहीं भेजता तो उसे हाईकमान के आदेशों का उल्लंघन माना जाएगा।