पी चिदंबरम: नोटबंदी साल का बना सबसे बड़ा घोटाला, होनी चाहिए जांच…

सरकार के नोटबंदी के फैसले को अब पूर्व वित्‍त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने साल का सबसे बड़ा घोटाला बताया है। मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन्‍होंने कहा कि यह साल का सबसे बड़ा घोटाला है और इसकी जांच होनी चाहिए। एक व्‍यक्ति को 2 हजार का नोट नहीं मिल रहा फिर देशभर में पड़ रहे छापों में करोड़ों के 2 हजार के नोट कैसे मिल रहे हैं!

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चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी का भविष्‍य में जीडीपी पर नकारात्‍मक असर पड़ेगा। यहां तक की रिजर्व बैंक के कम प्रोजेक्‍शन भी यही बताते हैं। ज्‍यादातकर ईकोनामिस्‍ट्स का मानना है कि इसका जीडीपी पर 1-2 प्रतिशत नकारात्‍मक असर पड़ेगा।

चिदंबरम ने आरएसएस नेता के पांच साल बाद 2 हजार के नोट बंद करने वाले बयान का जिक्र करते हुए कहा कि अगर सरकार ऐसा करती है तो इसमें कोई आश्‍चर्य नहीं होगा। वास्‍तव में असल खेल यह है कि सभी लोगों को 2 हजार के नोट दे दो और फिर इसे बंद कर दो, अंत में गरीब आदमी को ही तकलीफ होगी। इस कदम ने गरीबों की कमर तोड़ दी है। यह वैसा ही है जैसे खोदा पहाड़ निकली चुहियां।

इससे पहले उन्‍होंने कहा कि नोटबंदी से 45 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं जो मजदूरी करके घर चलाते हैं, उन्‍हें इसका मुआवजा कौन देगा। सभी बैंक कहते हैं पैसा नहीं है और सरकार कह रही है पैसे की कमी नहीं, इसलिए डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि यह मॉन्‍यूमेंटल मिसमैनेजमेंट है। दुनिया के हर बड़े ईकोनॉमिस्‍ट, अखबार ने इस कदम को बेतुका करार दिया है। एक बिना सोच वाला कदम जिसके लिए दुनिया में किसी के पास अच्‍छे शब्‍द नहीं है। सभी ने इसकी निंदा की है। कालेधन के नाम पर नोटबंदी का मुद्दा अब बदलने लगा है और सरकार अब नई बात लाई है कैशलेस ईकोनॉमी की।

 

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