बड़ी खबर :टाटा स्टील अब होगी नीलाम…

इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि टाटा स्टील के पास वर्तमान आयरन ओर माइंस वर्ष 2030 तक के लिए ही हैं। इसके बाद कंपनी को नीलामी की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। नीलामी में कंपनी को आयरन ओर माइंस मिलेगी या नहीं, यह दावा नहीं किया जा सकता है। 
tata-steel-companyयही वजह है कि टाटा स्टील अपने आप को इन चुनौतियों से निपटने के लिए अभी से तैयारी कर रही है। जिसमें मैन पॉवर की कटौती भी शामिल है। जमशेदपुर प्लांट की उत्पादन क्षमता 9.5 मिलियन टन प्रति वर्ष से बढ़ाकर 15 मिलियन टन करने और कलिंगनगर प्लांट की क्षमता छह मिलियन टन प्रतिवर्ष करने की योजना को इसी तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा है। इसके बावजूद कंपनी भविष्य को लेकर चिंतित है। employee
निलामी का सीधा असर लागत खर्च पर पड़ेगा। ऐसे में कंपनी को उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने के लिए मैनपावर की बड़े पैमाने पर कटौती करनी होगी। कंपनी अधिकारी ने बताया कि भविष्य को देखते हुए वर्ष 2025 तक के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है। उसी के तहत कंपनी में नित नये प्रयोग किए जा रहे हैं। जॉब फॉर जॉब व सुनहरे भविष्य की योजना का समय-समय पर प्रभावी होना इसी का हिस्सा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक टाटा स्टील की भारतीय इकाइयों में अगले पांच सालों में करीब पांच हजार कर्मचारियों व अधिकारियों को कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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