तो इसलिए ब्राह्मण को कभी नहीं खाना चाहिए प्याज और लहसुन, और जो खाते है वो एक बार जरुर पढ़ ले ये खबर…

यूँ तो हमारे भारतीय समाज के बहुत से ब्राह्मण देखने को मिलते है. मगर बहुत कम लोग ऐसे होते है, जो ब्राह्मणो के रहन सहन के बारे में जानते है. जी हां आपने अक्सर देखा होगा कि ब्राह्मण ज्यादा कपड़े पहनने में यकीन नहीं रखते. जितने कपड़े तन ढकने के लिए जरुरी है, केवल उतने ही कपड़े पहनते है. इसके इलावा ब्राह्मण ज्यादातर केसरी या संतरी रंग के ही कपड़े पहनते है. गौरतलब है कि ब्राह्मण एकदम सादा भोजन खाना पसंद करते है. जी हां उनके भोजन में प्याज और लहसुन तक नहीं होता. वैसे आपको मालूम होगा कि जब हम भगवान् को भोग लगाते है, तो उसमे भी प्याज और लहसुन का इस्तेमाल नहीं होता है.

 

हालांकि ब्राह्मण अपने भोजन में लहसुन और प्याज का इस्तेमाल क्यों नहीं करते, ये कोई नहीं जानता. अब अगर हम जैसे लोगो को बिना प्याज और लहसुन के बिना भोजन खाना पड़े तो हमें वह भोजन काफी बेस्वाद सा लगता है, लेकिन ब्राह्मणो को यही भोजन बेहद स्वादिष्ट लगता है. इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों ब्राह्मण प्याज और लहसुन से दूरी बना कर रखते है. बरहलाल आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों ब्राहम्णो के भोजन में प्याज और लहसुन नहीं होता. यक़ीनन इसके पीछे की वजह जान कर आप भी हैरान रह जायेंगे.

तो चलिए अब आपको इसके बारे में विस्तार से बताते है

१. शास्त्रों के अनुसार.. सबसे पहले हम हिन्दू शास्त्रों की बात करते है. गौरतलब है कि शास्त्रों के अनुसार यह माना जाता है कि लहसुन, प्याज और मशरूम तीनो ही चीजे ब्राह्मण नहीं खा सकते, क्यूकि शास्त्रों के अनुसार उन्हें यह चीजे खाना मना है. दरअसल ये सब चीजे अशुद्धता बढ़ाती है और अशुद्धता खाद्य की श्रेणी में आती है. अब जाहिर सी बात है कि ब्राह्मणो की पदवी हम इंसानो से कही ज्यादा ऊँची होती है. ऐसे में उन्हें खुद को पवित्र रखने की काफी जरूरत होती है, क्यूकि ब्राह्मणो के लिए खुद को पवित्र रखना ही उनका सबसे बड़ा कर्तव्य होता है. बरहलाल ब्राह्मण देवताओ की पूजा भी इसलिए कर पाते है, क्यूकि वह शुद्ध होते है.

 

२. आयुर्वेद के अनुसार.. अब अगर आयुर्वेद की बात की जाएँ तो आयुर्वेद के अनुसार भी इसकी एक बहुत बड़ी वजह है. दरअसल आयुर्वेद के अनुसार खाद्य पदार्थो को दो भागो में बांटा गया है. इसमें सबसे पहला भाग तामसिक होता है. जिसमे जुनून, क्रोध, अहंकार और विनाश के गुण पाए जाते है. वही अगला भाग सात्विक होता है. जिसमे शांति भाव, पवित्रता, संयम और मन की शांति के गुण पाए जाते है. यानि अगर हम सीधे शब्दों में कहे तो ब्राह्मणो को सात्विक श्रेणी में रखा जाता है.

 

हालांकि कुछ ब्राह्मण ऐसे भी होते है, जो तामसिक श्रेणी में आते है. इसलिए ब्राह्मणो की पवित्रता को साबित करना आज कल काफी मुश्किल हो गया है. वैसे भी आज के समय में कौन सा ब्राह्मण सात्विक और कौन सा तामसिक, इसके बारे में पता लगाना आसान काम नहीं है. इसलिए हम तो केवल यही कहेंगे कि ब्राह्मण अपनी पवित्रता को बनाएं रखने के लिए प्याज और लहसुन से दूरी बना कर रखते है.

बरहलाल हमें उम्मीद है कि इसे पढ़ने के बाद आप समझ गए होंगे कि आखिर ब्राह्मणो के भोजन में प्याज और लहसुन क्यों नहीं होता.

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