बीफ खाना गुनाह है तो आधे हिंदुस्‍तान को सजा दें: आजम खां

a173-300x233खनऊ, 20 अक्‍टूबर. प्रदेश के नगर विकास मंत्री आजम खां की देश के मुसलमानों को लेकर तल्खी जारी है। लखनऊ के आज कैबिनेट बैठक के बाद भी उन्होंने जमकर आग उगली। कैबिनेट मीटिंग के बाद पत्रकारों से घिरे नगर विकास व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आजम खां ने ‘बीफ’ को लेकर बात शुरू की और मुसलमानों की और देश में मुसलमानों की स्थिति पर पहुंचने के बाद जमकर बरसे। आजम ने कहा कि अब देश में रहना है तो पिटना ही पड़ेगा। आजम ने यह भी कहा कि बीफ को लेकर सजा देनी है तो पहले जस्टिस मार्कण्डेय काटजू व लेखिका शोभा डे सहित आधे हिन्दुस्तान को सजा दी जानी चाहिए। अगर बीफ खाने वाले हिन्दुस्तान छोड़ दें तो कम से कम यह भी बताया जाए कि वे जाएं तो कहां जाएं।

इसके बाद उन्होंने तल्खी भरे लहजे में कहा कि देश में मुसलमान कमजोर कौम है और 1947 के बाद से उसने बहुत तकलीफें झेली हैं। आजम खां ने कहा कि बीफ को लेकर देश में मुसलमानों को मारना तथा मुंह काला करना ठीक नहीं है। इसपर कोई रास्ता निकाला जाना चाहिए। बेहतर हो कि हिन्दुस्तान के नक्शे पर मुसलमान लिख कर इसे ही काला कर दें। आजम ने तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि मुसलमान गुलाम हैं, उनकी हैसियत नहीं है और उन्हें रहना है तो पिटना है। इसके बाद यह पूछे जाने पर कि उन्हें जान का खतरा है, आजम खां ने बात को टालते हुए कहा कि इसे छोडि़ए, कोई काम कि बात करिए।

स्लॉटर हाउस का गोश्त इस्लाम के लिए बताया था हराम
बीते 16 अक्टूबर को आजम खान ने कानपुर में बीफ मुद्दे पर कहा था कि “स्लॉटर हाउस में जिस तरह झटका देकर जानवरों का गोश्त (बीफ) निकाला जाता है, वह इस्लामी तौर-तरीके के खिलाफ है। इस्लाम के लिए ये हराम है। हालांकि, ये ही गोश्त एक्सपोर्ट (निर्यात) किया जाता है।” इस बयान के बाद मीट कारोबारियों में काफी आक्रोश व्याप्त हो गया था।

देश में इमरजेंसी लगाने की कर चुके हैं मांग
अभी दो दिन पहले देश में लगातार हो रही सांप्रदायिक घटनाओं को लेकर सपा के कद्दावर नेता आजम खान ने प्रेसिडेंट से इमरजेंसी लगाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था, ”देश बड़ी तेजी से अराजकता की तरफ बढ़ रहा है। गाय के नाम पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के माउथपीस में जो आर्टिकल लिखा गया है, उससे आरएसएस की नीति बिल्कुल साफ हो गई है। आरएसएस ने भारत को एक अघोषित हिंदू राष्ट्र बना दिया है। ऐसा करके उन लोगों ने संविधान को सस्पेंड कर दिया है। ऐसे में प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी से मेरी गुजारिश है कि वे देश में इमरजेंसी लगाएं और दोबारा चुनाव कराएं।”

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