बीएसएनएल के बंद होने की खबर को लेकर, सरकार ने दी ये बड़ी जानकारी…

बीते कुछ दिनों से सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल और एमटीएनएल के बंद होने की खबरें चल रही हैं. अब इस खबर को दूरसंचार विभाग ने अफवाह करार दिया है. दूरसंचार विभाग के शीर्ष अधिकारी अंशु प्रकाश ने बताया कि वित्त मंत्रालय सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल को बंद करने के पक्ष में नहीं है. अंशु प्रकाश ने कहा कि यह जानकारी पूरी तरह से गलत है.

क्‍या है मामला?

दरअसल, बीते कुछ दिनों से ऐसी खबरें चल रही थीं कि वित्त मंत्री ने आर्थिक तंगी से जूझ रही दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल और एमटीएनएल को बंद करने की सलाह दी है. खबरों में ये दावा किया जा रहा था कि डिपार्टमेंट ऑफ टेली कम्युनिकेशंस (DoT) ने बीएसएनएल और एमटीएनएल में मोटी रकम के निवेश का प्रस्ताव दिया था लेकिन वित्त मंत्री ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया. इसके साथ ही बीएसएनएल को बंद करने की सलाह दी. यही वजह है कि दूरसंचार विभाग की ओर से सफाई दी गई है. बहरहाल, विभाग के शीर्ष अधिकारी अंशु प्रकाश के बयान से स्थिति स्‍पष्‍ट हो गई है.

बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई वाले मंत्रियों के समूह ने जुलाई में बीएसएनएल और एमटीएनएल के पुनरुद्धार के लिए प्रस्तावित पैकेज को मंजूरी दी थी. हालांकि, बाद में वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने इस प्रस्ताव पर 80 से अधिक आपत्तियां उठा दी थीं. इस समूह में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद भी थे.

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खबर के मुताबिक दोनों पीएसयू कंपनियों (बीएसएनएल और एमटीएनएल) को बंद करने के लिए 95,000 करोड़ रुपए की लागत आएगी. इस योजना में कर्मचारियों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना के लिए 29,000 करोड़ रुपये , 4 जी स्पेक्ट्रम के लिए 20,000 करोड़ रुपये और 4 जी सेवाओं को पूंजीगत खर्च के वित्तपोषण के लिए 13,000 करोड़ रुपये शामिल हैं. न्‍यूज एजेंसी आईएएनएस की मानें तो वित्त वर्ष 2017-18 में बीएसएनएल का घाटा 7,992 करोड़ रुपये था. इससे पहले 2016-17 में कंपनी का घाटा 4,786 करोड़ रुपये रहा. इस हिसाब से सिर्फ 1 साल में 3,206 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है.

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