बिहार: महागठबंधन में सुलझा सीटों का पेंच, 17 मार्च को होगी औपचारिक घोषणा

पटना । महागठबंधन में सीटों को लेकर उलझा मामला धीरे-धीरे सुलझता जा रहा है। गुरुवार को इसे लेकर दिल्ली में विभिन्न घटक दलों के बीच बैठकें हुईं। सूत्रों ने बताया कि राजद और कांग्रेस के बीच लगभग सहमति बन चुकी है। अन्य घटक दलों में पहले से ही रजामंदी की बात कही जा रही है।

बिहार: महागठबंधन में सुलझा सीटों का पेंच, 17 मार्च को होगी औपचारिक घोषणा

मामला सीटों की संख्या नहीं, बल्कि कुछ सीटों पर दावेदारी के कारण फंसा है। इस समस्या का समाधान भी शुक्रवार तक निकाल लिया जाएगा। 17 मार्च को पटना में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में सीट बंटवारे की विधिवत घोषणा की संभावना है। 

बुधवार को कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के आवास पर बैठक के बाद गुरुवार को घटक दलों के नेताओं की आपसी बातचीत हुई। हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने शरद यादव से मुलाकात की।

शरद यादव की बातों से आश्वस्त होने के बाद दोनों नेता वापस पटना लौट आए। वाम दलों को लेकर भी स्थिति अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है। भाकपा (माले) को तालमेल में एक सीट देने पर तो सहमति है, इसके अलावा भाकपा को लेकर घटक दलों में एक राय नहीं है। सीतामढ़ी की सीट अभी रालोसपा के पास है।

रालोसपा के राम कुमार शर्मा वहां से सांसद हैं। इस सीट के लिए लोकतांत्रिक जनता दल के अर्जुन राय के नाम पर भी विमर्श हो रहा है। शिवहर पर राजद और कांग्रेस, दोनों की दावेदारी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने इस बीच गुरुवार को उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की।

महागठबंधन के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस को एक और सीट दिए जाने पर भी बात चल रही है, क्योंकि वह 11 सीटों से संतुष्ट नहीं है। घटक दलों का मानना है कि एक सीट के लिए बात को तूल नहीं दिया जाए, संभव हो तो उसकी इच्छा पूरी कर दी जाए।

राजद के हिस्से में 18-20 सीटें जाएंगी। निश्चित संख्या कांग्रेस के हिस्से में जाने वाली सीटों पर निर्भर करेगी। मगर दोनों दलों के बीच अब यह मामला और तूल नहीं पकड़ेगा। 

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