बिहार के सीतमढ़ी जिले के सुरसंड प्रखंड में आसमान से चांदी की ‘बारिश’ से लोग हैं हैरान….

बिहार के सीतमढ़ी जिले के सुरसंड प्रखंड में आसमान से चांदी की ‘बारिश’ से लोग हैरान हैं. बुधवार की सुबह जब लोग नींद से जगे तो हैरान रह गए. लोगों ने सुरसंड के टॉवर चौक से बाराही गांव तक जाने वाली सड़क पर चांदी बिखरी पाई गई. सुबह-सुबह चांदी की ‘बारिश’ से इलाके के लोग हैरत में पड़ गए.

लोग सड़कों पर बिखरी चांदी की छोटी-छोटी बूंदों को चुन कर घर ले जाने लगे हैं. सभी एक दूसरे से पूछ रहे हैं कि इतनी भारी मात्रा में सुरसंड की सड़कों पर शुद्ध चांदी कहां से आई. बता दें कि नेपाल बॉर्डर पास में ही इसलिए आशंका जताई जा रही है कि कोई तस्कर किसी बोरी में चांदी ले जा रहा होगा और बोरी फट जाने से चांदी रास्ते भर गिरती चली गई होगी.परिहार-सुरसंड स्टेट हाईवे -87 पर तीन किमी में चांदी की बूंदी बिखरी मिली। इससे चुनने के लिए लोगों में होड़ मच गई। सभी चांदी चुनकर अपनेे -अपने घर ले गए।

बताया गया कि सुरसंड नगर पंचायत के आंबेडकर चौक से जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल कॉलेज बराही सहसराम रोड ललिया चौक तक चांदी की बूंदी मिली। लोगों का हजूम उमड़ पड़ा। मंगलवार की आधी रात से लोग बूंदी चुनने लगे। देर रात लोगों ने 100-200 ग्राम तक बूंदी चुनी।

वहीं, बुधवार सुबह होते ही भीड़ उमड़ पड़ी। लोग सपरिवार बूंदी चुनने लगे। कुछ लोगों ने दो-दो किलो चांदी की बूंदी चुनी। दिन ढलने से पूर्व सड़क साफ हो गई थी। चर्चा है कि 50 किलो से अधिक चांदी चुनी गई। थानाध्यक्ष भोला कुमार ङ्क्षसह ने कहा कि मामले की जांच चल रही है।

तस्करी की चांदी की आशंका

सड़क पर चांदी कैसे गिरी, इसको लेकर सस्पेंस है। हालांकि, स्थानीय लोगों की मानें तो आधी रात तस्कर नेपाल से चांदी की तस्करी करते हैं। जबकि, सुरसंड में इन दिनों भारतीय नेपाली करेंसी का बट्टा काटकर लेनदेन का धंधा चल रहा है। सुरसंड में नेपाली करेंसी ली जाती है। कारोबारी उक्त करेंसी का बट्टा काटते हैं। बाद में इसी करेंसी से नेपाल से चांदी और सोना खरीद भारतीय क्षेत्र में लाते हैं। फिर  इसे सोना-चांदी के थोक विक्रेता को बेचते हैं।

भिट्ठामोड़ , बथनाहा, मधवापुर, नवाही, मरुवाही, सहसराम व बराही आदि गांवों से देर रात सोना-चांदी की तस्करी होती है। आशंका है कि तस्कर बाइक पर चांदी की बोरी लाद कर नेपाल से रात में भारतीय सीमा में घुसते हैं। इसी दौरान चांदी बोरा से निकल कर सड़क पर बिखर गई।

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