बिन ब्याही गर्भवती हुई युवती, तो पहुंची कोर्ट, कहा- मुझे दे दो गर्भपात की इजाजत

अंबाला शहर। सात माह की गर्भवती बिन ब्याही युवती (19) ने कोर्ट में याचिका दायर कर गर्भपात कराने की आज्ञा मांगी है। जेएमआइसी मानविका की कोर्ट में डाली अपील में गर्भपात कराने के पीछे सामाजिक निंदा को कारण बताया गया है। कोर्ट ने सीएमओ को आदेश दिया है कि वह एसएमओ की अगुआई में कमेटी का गठन कर जल्द स्टेटस रिपोर्ट पेश करे।

बता दें, एक युवती सरकारी अस्पताल में पेट दर्द का बहाना बनाकर गर्भपात कराने पहुंची थी, लेकिन अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में उसके गर्भवती होने का खुलासा हुआ। एडवोकेट पुष्कर शर्मा के अनुसार सिविल अस्पताल में मामला सार्वजनिक होते ही उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया।

पूछताछ में उसने कुछ नहीं बताया, केवल गर्भपात कराने की इच्छा जताती रही। इस पर उसे समझाया गया कि कोर्ट की आज्ञा के बिना ऐसा संभव नहीं है। इसके बाद वह कोर्ट पहुंची और वहीं पर उसे कानूनी सहायता के तौर पर अधिवक्ता उपलब्ध कराया गया।

जेएमआइसी मानविका की कोर्ट में दायर अपील में युवती ने बताया कि अनजाने में वह गर्भ धारण कर चुकी है। कुंआरी होने के कारण बच्चे को जन्म नहीं दे सकती, क्योंकि सामाजिक निंदा का भय है, इसलिए गर्भपात कराने की अनुमति दी जाए। याचिका में प्रेमी के नाम व कारणों का जिक्र नहीं किया गया है। इस मामले को लेकर सीएमओ से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।

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